हिमाचल प्रदेश की शांत वादियों के बीच स्थित बद्दी (Baddi) आज देश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में से एक के रूप में पहचान बना चुका है. सोलन जिले में पड़ने वाला यह शहर, हरियाणा और पंजाब की सीमाओं के करीब होने के कारण रणनीतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.
बद्दी को “फार्मा सिटी ऑफ इंडिया” भी कहा जाता है क्योंकि यहां सैकड़ों दवा कंपनियों के बड़े-बड़े उद्योग स्थापित हैं. दवा उद्योग के अलावा यहां टेक्सटाइल, पैकेजिंग, कॉस्मेटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य कई क्षेत्रों में भी तेजी से विकास हुआ है. बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (BBN) औद्योगिक क्षेत्र एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब माना जाता है.
बद्दी ने न सिर्फ हिमाचल प्रदेश बल्कि पड़ोसी राज्यों के लाखों युवाओं को रोजगार देने में अहम भूमिका निभाई है. यहां की फैक्ट्रियों में काम करने वाले लोगों की वजह से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी काफी मजबूती मिली है.
बढ़ते उद्योगों के साथ-साथ बद्दी में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विस्तार हुआ है. यहां बद्दी यूनिवर्सिटी ऑफ इमर्जिंग साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी सहित कई नामी शैक्षणिक संस्थान मौजूद हैं. साथ ही, आधुनिक अस्पताल और मेडिकल सुविधाएं भी यहां उपलब्ध हैं.
औद्योगिक पहचान के बावजूद बद्दी की प्राकृतिक सुंदरता कम नहीं हुई है. हरे-भरे पहाड़, ठंडी हवाएं और आसपास के पर्यटन स्थल इसे खास बनाते हैं. यहां से कसौली, सोलन और चंडीगढ़ जैसे शहर आसानी से पहुंचा जा सकता है.
बद्दी की सबसे बड़ी चुनौती है प्रदूषण और ट्रैफिक की समस्या. तेजी से बढ़ते औद्योगिकरण के चलते पर्यावरण पर दबाव बढ़ा है. सरकार और उद्योगपतियों को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
निष्कर्ष
बद्दी आज हिमाचल प्रदेश का विकास का प्रतीक बन चुका है। यह न सिर्फ एक औद्योगिक नगर है बल्कि यहां से नि