अन्नामलाई
अन्नामलाई (Annamalai) का पूरा नाम अन्नामलाई कुप्पुस्वामी है. वह तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष हैं (Annamalai BJP President). साथ ही, कर्नाटक कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी थें. उन्होंने 2019 में IPS से इस्तीफा दे दिया था. उस वक्त वह बेंगलुरु साउथ के DCP थे (Annamalai Former IPS Officer).
अन्नामलाई को औपचारिक रूप से 25 अगस्त 2020 को भाजपा में शामिल किया गया था. उनके शामिल होने को तमिलनाडु में पार्टी के लिए एक बड़ा बढ़ावा माना जाता था. उन्हें पहले उपाध्यक्ष और फिर राज्य इकाई का अध्यक्ष बनाया गया (Annamalai Joind BJP).
उनका जन्म 1987 में करूर, तमिलनाडु में हुआ था (Annamalai Age). वह एक वेल्लाला गौंडर परिवार से ताल्लुक रखते हैं. यह तमिलनाडु की एक शक्तिशाली और काफी धनी ओबीसी जाति है और राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में इसकी मजबूत उपस्थिति है.
उन्होंने कोयंबटूर के पीएससी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक किया है और आईआईएम, लखनऊ से एमबीए की है (Annamalai Education).
अन्नामाली को कर्नाटक के सिंघम के नाम भी से जाने जाते हैं. वह कई हाई प्रोफाइल मामलों को सुलझाने में शामिल थें (Annamalai).
अमित शाह ने बीजेपी और अन्नाद्रमुक गठबंधन को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं. AIADMK नेता ई. पलानीस्वामी के साथ केवल दिल्ली में मुलाकात ही नहीं बल्कि उनके चक्कर में बीजेपी के स्टार लीडर बन चुके प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई की बलि भी ली जा चुकी है.
अन्नामलाई बताते हैं कि तमिलनाडु में यूपी के 25 लाख रजिस्टर्ड मजदूर हैं. अगर अनऑफिशियल को भी जोड़ लिया जाए तो करीब 40 लाख लेबर तमिलनाडु में हैं. अन्ना कहते हैं कि कल्पना करिए अगर योगी आदित्यनाथ और नीतीश कुमार कहें कि इतने सस्ता श्रम क्यों आपको उपलब्ध कराएं तो तमिलनाडु क्या कर लेगा?
तमिलनाडु में AIADMK के साथ गठबंधन के लिए BJP को के. अन्नामलाई जैसे नेता की कुर्बानी देनी पड़ी है, लेकिन ई. पलानीस्वामी का मन अभी नहीं भर सका है - अमित शाह के बयान की वो अपने हिसाब से व्याख्या कर रहे हैं.
जिस तरह दक्षिण से लेकर उत्तर तक में अन्नामलाई की सोशल मीडिया पर चर्चा होती है उसे देखकर ऐसा लगता है कि बीजेपी उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में किसी रणनीति के तहत ही लेकर आ रही है.
तमिलनाडु में बीजेपी का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर तस्वीर लगभग साफ हो गई है. दरअसल, नयनार नागेन्द्रन ने ही अध्यक्ष पद के नामांकन के लिए पर्चा दाखिल किया है. जबकि के. अन्नामलई ने उनके नाम का प्रस्ताव किया और बाकी नेताओं ने उनका अनुमोदन किया. इससे तय माना जा रहा है कि नयनार नागेन्द्रन ही तमिलनाडु बीजेपी के नए अध्यक्ष होंगे.
अमित शाह की गुरुमूर्ति से मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है. ये वही गुरुमूर्ति हैं, जिनके 'धर्मयुद्ध' ने AIADMK को दो हिस्सों में बांट दिया. शशिकला को बाहर करने, कथित तौर पर रजनीकांत की राजनीतिक स्थिति को परखने की इच्छा और यहां तक कि अन्नामलाई को अपना डिप्टी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
40 साल के अन्नामलाई ने तमिलनाडु में बीजेपी की मौजूदगी बढ़ाई है. उनकी "एन मन, एन मक्कल" यात्रा और DMK के खिलाफ आक्रामक रुख ने उन्हें युवाओं और सोशल मीडिया पर लोकप्रिय बनाया. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी भले ही सीटें नहीं जीत पाई लेकिन पार्टी की वोट हिस्सेदारी 3.5% से बढ़कर 11.2% हुई, जिसका श्रेय उन्हें दिया जाता है. पार्टी किसी भी हाल में इस मोमेंटम को खोना नहीं चाहेगी.
तमिलनाडु में एआईएडीएमके और भाजपा के बीच एक बार फिर गठबंधन को लेकर बातचीत अपने अंतिम दौर में पहुंच गई है. 2023 में दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया था. इसके मुख्य कारणों में से एक अन्नामलाई भी माने जाते हैं. ऐसे में चर्चा जोरो पर है कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है.
बीजेपी को एहसास है कि पीएमके और टीएमसी जैसी पार्टियों का समर्थन सिर्फ पोडियम पर कुर्सियां भरने के लिए है. ये दल सिर्फ चुनिंदा इलाकों में ही अपनी पकड़ रखते हैं. अगर DMK के नेतृत्व वाले गठबंधन के खिलाफ एक गंभीर चुनौती पेश करनी है, तो NDA को पूरे तमिलनाडु में जनाधार रखने वाली पार्टी की जरूरत है और AIADMK एकमात्र ऐसी पार्टी है.
तमिलनाडु में बीजेपी संगठन के चुनाव पूरे हो चुके हैं और नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव भी अगले दो हफ्ते में होना है. ऐसे में बीजेपी तमिलनाडु में पार्टी की कमान केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन, तमिलिसाई सौंदर्यराजन या नैना नागेंद्रन के हाथों सौप सकती है.
बीजेपी और AIADMK के शीर्ष सूत्रों ने बताया है कि तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी अब AIADMK को एनडीए में वापस लाने पर अड़ी हुई है, भले ही इसके लिए पार्टी को राज्य के किसी प्रमुख नेता की बलि क्यों न देनी पड़े.
साल 2023 में सीएन अन्नादुरई और जयललिता पर अन्नामलाई के बयानों ने पार्टी नेतृत्व को एनडीए को अलविदा कहने के लिए उकसाया था. तो क्या अब सबकुछ भुला दिया गया है? इसका जवाब है हां, क्योंकि आज AIADMK की स्थिति बहुत खराब है और पलानीस्वामी ने यह साफ कर दिया है कि डीएमके को हराना उनकी प्राथमिकता है.
तमिलनाडु में करीब दो साल बाद बीजेपी और AIADMK फिर से करीब आ रहे हैं. अमित शाह और ई पलानीस्वामी की दिल्ली में हुई मुलाकात में चुनावी रिश्ता करीब करीब पक्का समझ लिया गया है - लेकिन, बड़ा पेंच ये है कि AIADMK की डिमांड है कि बीजेपी नेता के. अन्नामलाई की भूमिका कम कर दी जाये.
Tamil Nadu Rupee symbol: उदयकुमार धर्मलिंगम ने रुपये के प्रतीक ₹ का डिजाइन देवनागरी के 'र' और रोमन अक्षर 'R' को मिलाकर बनाया, जो भारतीय तिरंगे से प्रेरित है और इसे अन्य मुद्राओं से अलग दिखाने के लिए डिज़ाइन किया गया था. उनके पिता DMK के विधायक रह चुके हैं.
सिल्वर स्क्रीन से राजनीति के मैदान में डेब्यू करने वाले विजय थलपति ने अपनी रैली में बीजेपी को "वैचारिक प्रतिद्वंद्वी" कहा है, लेकिन वो सनातन विरोध जैसे विवादों से दूरी बनाकर डीएमके से अलग रुख अपना रहे हैं. भाषा विवाद पर विजय DMK-BJP दोनों को दोषी मानते हैं. ऐसे में, स्टालिन के लिए नॉर्थ-साउथ नैरेटिव एक आजमाया हुआ हथियार है, जिसे वो विजय के उभार के जवाब में और प्रभावी ढंग से इस्तेमाल कर सकते हैं.
तमिल अस्मिता, द्रविड़ गौरव और केंद्र के कथित हिंदी 'थोपने' के खिलाफ रही तमिलनाडु की राजनीति ने तीन-भाषा के फॉर्मूले को लागू नहीं किया. तमिलनाडु आज भी दो-भाषा नीति (तमिल और अंग्रेजी) पर अड़ा हुआ है और हिंदी के खिलाफ भावना यहां गहरी हैं. सीएम स्टालिन ने चुनाव से पहले यहकर कर राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है कि वे एक और भाषा युद्ध के लिए तैयार हैं.
तमिलनाडु स्थित थिरुपरनकुंद्रम की सुंदर पहाड़ियां अगले चुनाव में राज्य की राजनीति में हलचल ला सकती हैं. इस पहाड़ी पर मौजूद भगवान मुरुगन का मंदिर और दरगाह राज्य की राजनीति में ध्रुवीकरण की वजह बन सकता है. एक विवाद से इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. BJP और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग इस विवाद को अपने अपने नजरिये से पेश कर रही है.
तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने गुरुवार को DMK को सत्ता से हटाने के लिए प्रतिज्ञा कर ली. उन्होंने डीएमके को सत्ता से उखाड़ फेंकने तक चप्पल नहीं पहनने की कसम खाई है, साथ ही उन्होंने खुद को कोड़ा मारा है.
पुलिस ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई और 916 पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ बीएनएसएस की धारा 170 के तहत केस दर्ज किया. दरअसल, अन्नामलाई ने कोयंबटूर सीरियल बम विस्फोट मामले में दोषी एसए बाशा के अंतिम संस्कार जुलूस की अनुमति देने के लिए विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया. इसके बाद पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर अशोक प्रेमा कल्याण मंडपम में रखा और उसी दिन रिहा कर दिया गया.
अन्नामलाई ने कहा कि विजय राजनीति में आ गए हैं. वे पिछले हफ्ते गोवा में एक शादी (कीर्ति सुरेश की शादी) में गए थे. वे एयरपोर्ट के गेट नंबर 6 पर सुरक्षा जांच से गुजरे और प्राइवेट फ्लाइट से उड़ान भरी.
तमिलनाडु की राजनीति में एक्टर विजय की धमाकेदार एंट्री कुछ कुछ वैसे ही हुई है, जैसे बिहार में प्रशांत किशोर और दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की. विजय ने जो पॉलिटिकल लाइन पकड़ी है, उसमें सनातन के विरोध की ध्वनि नहीं सुनाई देती - और ये बात तमिल पॉलिटिक्स में उनको बिलकुल अलग पेश करती है.