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अल्ताफ हुसैन

अल्ताफ हुसैन

अल्ताफ हुसैन

अल्ताफ हुसैन (Altaf Hussain) पाकिस्तान (Pakistan) के निर्वासित नेता हैं, जो मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के संस्थापक हैं. वे अब लंदन (London) में रहते हैं. वे पाकिस्तान के शहरी सिंध क्षेत्र, विशेषकर कराची और हैदराबाद में अपनी राजनीतिक पकड़ के लिए जाने जाते हैं. पाकिस्तान और भारत में चल रहे तनाव के बीच और अल्ताफ हुसैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुहाजिरों को बचाने की अपील की.

उनकी राजनीति ने पाकिस्तान की शहरी राजनीति को खासकर मुहाजिर समुदाय को गहराई से प्रभावित किया है. मुहाजिर उर्दू बोलने वाले वो मुसलमान हैं जो भारत से विभाजन के बाद पाकिस्तान के कराची शहर में बस गए थे.

अल्ताफ हुसैन का जन्म 17 सितंबर 1953 में सिंध के कराची शहर में एक मध्यम-वर्गीय परिवार में हुआ था. उनका परिवार उत्तर प्रदेश से था जो विभाजन के बाद पाकिस्तान चला गया. उन्होंने कराची यूनिवर्सिटी से फार्मेसी की पढ़ाई की और वहीं से उन्होंने छात्र राजनीति में कदम रखा.

अल्ताफ हुसैन ने 1984 में मुहाजिर कौमी मूवमेंट (बाद में मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट) की स्थापना की. यह पार्टी मुख्य रूप से मुहाजिरों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें राजनीतिक प्रतिनिधित्व दिलाने के उद्देश्य से बनी थी. MQM जल्दी ही कराची और हैदराबाद जैसे शहरी इलाकों में लोकप्रिय हो गई. पार्टी ने कई बार स्थानीय और राष्ट्रीय चुनावों में बड़ी जीत दर्ज की. हालांकि, पार्टी और अल्ताफ हुसैन पर हिंसा, जबरदस्ती वसूली और आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप भी लगे.

1992 में पाकिस्तान सरकार ने MQM के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया, जिसके बाद अल्ताफ हुसैन ने देश छोड़कर ब्रिटेन में राजनीतिक शरण ले ली. उन्होंने लंदन से पार्टी का संचालन जारी रखा. वहां से वे टेलीफोन और विडियो लिंक के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते रहे.

उनकी भाषण शैली और बयानबाजी अक्सर विवादों में रही है. पाकिस्तान में कई बार उनके भाषणों पर प्रतिबंध लगाया गया, और उन पर देशद्रोह के मामले भी दर्ज हुए. हालात इतने खराब हो गए कि 1990 के दशक में अल्ताफ हुसैन के ऊपर हत्या के दर्जनों मामले दर्ज हो गए और साल 1992 में उन्हें पाकिस्तान छोड़कर ब्रिटेन में शरण लेनी पड़ी.

2016 में अल्ताफ हुसैन के एक भाषण के बाद पाकिस्तान में MQM से उनका सीधा नियंत्रण समाप्त हो गया. पार्टी दो गुटों में बंट गई – MQM पाकिस्तान और MQM लंदन. MQM पाकिस्तान ने अल्ताफ हुसैन से दूरी बना ली और उन्हें पार्टी से अलग कर दिया. मुहाजिरों की जगह धीरे-धीरे सिंधी और पंजाबी लेते चले गए. 

ब्रिटेन में भी उन पर मनी लॉन्ड्रिंग, नफरत फैलाने और हिंसा भड़काने जैसे आरोपों में जांच की गई, हालांकि उन्हें कई मामलों में दोषमुक्त कर दिया गया.

नवंबर 2019 में हुसैन ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से भारत में राजनीतिक शरण की मांग की थी, ताकि वो भारत में दफनाए गए अपने पुरखों की कब्रों पर जा सकें. लेकिन उनकी इस मांग पर भारत ने तवज्जो नहीं दिया. 

दूसरी तरफ पाकिस्तान की सरकार हमेशा से अल्ताफ हुसैन पर आरोप लगाती रही है कि वे और उनकी पार्टी भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के एजेंट हैं. 

 

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