अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami), हिंदू त्योहार है जो कृष्ण पक्ष अष्टमी पर मनाई जाती है. उत्तर भारत में पूर्णिमांत कैलेंडर के अनुसार, यह कार्तिक के महीने में पड़ता है और गुजरात, महाराष्ट्र और अन्य दक्षिणी राज्यों में अमंता कैलेंडर के अनुसार, यह अश्विन के महीने में पड़ता है (Ahoi Ashtami Tithi).
अहोई अष्टमी पर महिलाएं अपने बच्चों के लिए उपवास रखती हैं और माता अहोई की पूजा करती हैं. महिलाएं अपने बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए उनकी पूजा करती हैं. व्रत के दिन महिलाएं सुबह स्नान करके अपने बच्चों की भलाई के लिए व्रत रखने का संकल्प लेती हैं. यह उपवास बिना किसी भोजन या पानी के होता है और परंपरा के अनुसार चंद्रमा को देखने के बाद उपवास तोड़ा जाता है (Ahoi Ashtami for Children).
सूर्यास्त से पहले पूजा की तैयारी पूरी कर ली जाती है. महिलाएं या तो देवी अहोई की छवि को गेरू से दीवार पर खींचती हैं या कपड़े के टुकड़े पर कढ़ाई करके दीवार पर लटका देती हैं. जिन महिलाओं को संतान नहीं होती है वे अहोई अष्टमी की सभी पूजा और अनुष्ठान करती हैं. साथ ही, संतान की कामना करती हैं. उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित राधा कुंड में सूर्योदय से पहले अरुणोदय में स्नान करने की भी परंपरा हैं (Ahoi Ashtami Rituals).
Ahoi Ashtami upay 2025: आज अहोई अमावस्या का व्रत रखा जा रहा है. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से संतान की दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है. आज के दिन अहोई माता की पूजा के अलावा कुछ उपायों को करने से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है.
Ahoi Ashtami 2025: अहोई अष्टमी के दिन संतान के कल्याण के लिए पति-पत्नी दोनों को मिलकर अहोई माता को सफेद फूल अर्पित करने चाहिए और शाम को तारे या चांद को देखकर अर्घ्य देकर पूजा अर्चना करनी चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से अहोई माता प्रसन्न होती हैं.
Ahoi Ashtami 2025: अहोई अष्टमी का व्रत माताएं 13 अक्टूबर यानी आज रखेंगी. अहोई अष्टमी पर आज पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 53 मिनट से शाम 7 बजकर 08 मिनट तक रहने वाला है. यानी आपको पूजा के लिए करीब सवा घंटे का समय मिलेगा.
Ahoi Ashtami 2025 Shubh Muhurt: इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 13 अक्टूबर दिन सोमवार को रखा जाएगा. और इस दिन अहोई माता की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 53 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 08 मिनट तक रहने वाला है.
weekly rashifal october 2025: अक्टूबर माह का नया सप्ताह शुरू होने वाला है. यह नया सप्ताह 12 अक्टूबर से शुरू होगा और 19 अक्टूबर को समाप्त होगा. ये सप्ताह 5 राशियों के लिए बेहद शुभ रहेगा.
Ahoi Ashtami 2025: अहोई अष्टमी को अहोई आठें भी कहा जाता है. हर वर्ष के कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को अहोई अष्टमी होती है. यह व्रत माताएं अपने बच्चों के लिए करती हैं और बच्चों की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए व्रत करती हैं.
अहोई अष्टमी के दिन संतान के कल्याण के लिए पति-पत्नी दोनों को मिलकर अहोई माता को सफेद फूल अर्पित करने चाहिए और शाम को तारे या चांद को देखकर अर्घ्य देकर पूजा अर्चना करनी चाहिए.
Ahoi Ashtami 2025: इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा. इस दिन माताएं अपनी संतान के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और उनकी दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं.
Ahoi Ashtami 2024: इस बार अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर यानी आज रखा जा रहा है. कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है. इस माता अहोई की उपासना की जाती है, जिनको माता पार्वती का ही एक रूप माना जाता है. यह व्रत माताएं अपनी संतान की दीर्घायु के लिए रखती हैं.
अहोई अष्टमी व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. इस बार कार्तिक कृष्ण अष्टमी तिथि 23 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 18 से लेकर 24 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 58 पर समाप्त होगी. इसलिए 24 अक्टूबर को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाएगा.
अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर दिन गुरुवार को रखा जाएगा. कहते हैं कि इस दिन कुछ खास तरह के उपाय करने से संतान की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं और उसका जीवन खुशियों से भर जाता है.
Ahoi Ashtami 2023: अहोई अष्टमी व्रत पर माताएं अपनी संतान के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन विधिवत अहोई माता की पूजा करती हैं. इस बार अहोई अष्टमी का व्रत 5 नवंबर यानी आज रखा गया है. अगर इस साल आप भी ये व्रत रख रही है तो पूजा के साथ-साथ इस व्रत कथा का पाठ अवश्य करें.
Ahoi Ashtami 2023: अहोई अष्टमी का व्रत 5 नवंबर यानी आज रखा जा रहा है. अहोई पर महिलाएं व्रत रखकर अपने संतान की रक्षा और दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं. व्रत निर्जला रखा जाता है और रात को तारे निकलने के बाद अर्घ्य देकर इसका पारण किया जाता है.
Ahoi Ashtami 2023: अहोई की पूजा कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन प्रदोषकाल में की जाती है. इस दिन सभी माताएं सूर्योदय से पहले जगती हैं और उसके बाद स्नान करके माता अहोई की पूजा करती हैं. आज के दिन अहोई अष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है. इस दिन माता स्याहु की पूजा करने का विधान भी है.
Ahoi Ahstami 2023 kab hai: अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता के साथ साथ स्याही माता की भी उपासना की जाती है. यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है. यह व्रत कार्तिक माह में करवा चौथ के चौथे दिन और दीपावली से आठ दिन पहले किया जाता है. इस बार अहोई अष्टमी का व्रत 5 नवंबर, रविवार को रखा जाएगा.