देश अंगड़ाई ले रहा है. जनता की आंख में बदलाव के सपने है. लेकिन नेताओं के जुबान पर 'टॉफी' है. सुना था जंगल राज के बारे में, लेकिन उम्मीदों के नए सवेरे में जनता आस लगाए बैठी है और नेता जंगल से बाहर नहीं आ रहे. कोई शेर पर अटका है तो कोई भैंस और कोई सांड पर.