अब जमाना दिलवालों का नहीं दाल वालों का है. जेब में अगर माल है, तो घर में दाल है. सरकार की कोशिशों के बाद भी दाल की बढ़ती कीमतें रुकने का नाम नहीं ले रहीं. दाल की कीमतों ने लोगों को बेहाल कर रखा है.