लीजिए 21 दिसंबर भी आ ही गया. वो तारीख जो अटकलों और अफवाहों की वजह बन गई लेकिन यकीन मानिए दुनिया चलती रही है और चलती रहेगी क्योंकि अफवाहों का हकीकत से कोई लेना देना नहीं होता. पूरी दुनिया में ये तारीख दहशत नहीं बल्कि दिलचस्पी की वजह बन गई है क्योंकि सभी जानते हैं कि कयामत की अफवाह महज अफवाह है.