संजय सिन्हा आज सुना रहे हैं एक बेहद दिलचस्प कहानी. पहले छुट्टियों का मतलब नानी का घर हुआ करता था लेकिन अब लोग अपने बच्चों को छुट्टियों में विदेश घूमने भेज देते हैं लेकिन क्या इससे हम उन्हें वाकई आत्मनिर्भर बना पाते हैं?