Meta Superintelligence Lab में दुनिया के कई हाई-प्रोफाइल इंजीनियर काम करते हैं. मार्क जकरबर्ग ने Meta Superintelligence Lab को फ्यूचर का AI तैयार करने के लिए शुरू किया है. हाल में ये लैब अपनी हायरिंग को लेकर काफी चर्चा में है. इस लैब में OpenAI, Google और Apple के इंजीनियर्स को हायर किया गया है.
मार्क जकरबर्ग ने इन इनीनियर्स को लाखों डॉलर देकर हायर किया, लेकिन अब Meta Superintelligence Lab से रिजाइन शुरू हो गया है. AI साइंटिस्ट ऋषभ अग्रवाल ने मेटा सुपर इंटेलिजेंस लैब से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपनी 10 लाख डॉलर (लगभग 8.8 करोड़ रुपये) की नौकरी छोड़ दी है.
ऋषभ अग्रवाल ने अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए बताया है कि वो एक नए तरीके के रिस्क को एक्सप्लोर करने निकल गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बताया है कि मेटा, गूगल ब्रेन और डीपमाइंड में काम करने के बाद वो अब एक नया चैलेंज चाहते हैं.
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उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'ये @AIatMeta में मेरा आखिरी हफ्ता है. सुपर इंटेलिजेंस लैब में काम ना करने का फैसला मुश्किल था. गूगल ब्रेन, डीपमाइंड और मेटा में 7.5 साल तक काम करने के बाद, मुझे लगता है कि अब नए रिस्क का वक्त है.'
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सिर्फ ऋषभ अग्रवाल ही नहीं है जिन्होंने मेटा सुपर इंटेलिजेंस लैब से इस्तीफा दिया है. रिपोर्ट्स की मानें, तो मार्क जकरबर्ग के इस ड्रीम प्रोजेक्ट से अब तक 3 रिसर्चर्स अलग हो चुके हैं. इनमें से दो पहले ही OpenAI में वापसी कर चुके हैं. ऋषभ से पहले अवि वर्मा और एथन नाइट मेटा से अलग हो चुके हैं.
मेटा सुपर इंटेलिजेंस लैब जॉइन करने से पहले ऋषभ अग्रवाल कई बड़ी कंपनियों में काम कर चुके हैं. IIT बॉम्बे से ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने Mila - Quebec AI इंस्टीट्यूट से PhD की. करियर की शुरुआत में उन्होंने Saavn, Tower Research Capital, Waymo में इंटरनशिप की. इसके बाद 2018 में उन्होंने गूगल ब्रेन को सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट के तौर पर जॉइन किया. बाद में उन्हें गूगल डीपमाइंड में भेज दिया गया. अग्रवाल ने अप्रैल 2025 में मेटा को जॉइन किया था.