scorecardresearch
 

Sim Card से लेकर Tatkal Ticket तक, Aadhaar ऑथेन्टिकेशन है जरूरी, जानिए पूरा प्रोसेस

आधार ऑथेंटिकेशन, वेरिफिकेशन का एक प्रोसेस होता है, जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से होता है. इस प्रोसेस के तहत कोई भी एलिजिबल एजेंसी ऑथेंटिकेशन प्रोसेस को इनीशिएट कर सकती है, जिसके बाद UIDAI की एजेंसी उन डिटेल्स और बायोमैट्रिक डिटेल्स को वेरिफाई करती है. वेरिफिफिकेशन कंप्लीट होने पर रिक्वेस्ट इनीशिएट करने वाली एजेंसी को जानकारी दी जाती है. आइए इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं.

Advertisement
X
Aadhaar Authentication प्रोसेस क्या है.
Aadhaar Authentication प्रोसेस क्या है.

Aadhaar नंबर अधिकतर भारतीयों के लिए जारी कर दिया जा चुका है. इसका मतलब है कि आधार कार्ड होल्डर्स के लिए एक अलग से यूनिक आईडेंटी नंबर जारी किया जा चुका है. इस आईडी की मदद से उस भारतीय शख्स की पहचान करना आसान है. इसी का फायदा उठाते हुए कई सरकारी विभाग और बैंक आधार ऑथेंटिकेशन का फायदा उठा रहे हैं.  

डुप्लीकेसी और अन्य फर्जीवाड़े से बचाव के लिए कई सरकारी विभाग, बैंक और यहां तक की टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां भी अब आधार ऑथेंटिकेशन के जरिए SIM Card जारी करती हैं.

यहां तक कि अब नए नियम से तहत रेलवे का तत्काल टिकट कराने के लिए भी IRCTC अकाउंट को आधार नंबर से वेरिफाई करना होगा और इसके लिए 1 जुलाई से नया नियम लागू होने वाला है. 

अब सवाल आता है कि आधार ऑथेंटिकेशन क्या है? असल में आधार नंबर जारी करने वाली भारत सरकार की अथॉरिटी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) की तरफ से हर एक शख्स के आधार नंबर के साथ डेमोग्राफिक इंफोर्मेशन (जिसमें नाम, डेट ऑफ बर्थ आदि) या बायोमेट्रिक्स इंफोर्मेशन (फिंगरप्रिंट या आयरिश) को CIDR में सब्मिट किया जाता है, जो UIDAI की यूनिट है. 

ऐसे काम करता है ऑथेंटिकेशन का पूरा प्रोसेस 

Advertisement

आधार ऑथेंटिकेशन सिस्टम को डिटेल्स में बताते हैं. इसमें एक ऑथेंटिकेशन एजेंसी या फिर सर्विस प्रोवाइडर होते हैं, जो ऑथेंटिकेशन रिक्वेस्ट को इनिशिएट करते हैं. 

यह भी पढ़ें: कौन इस्तेमाल कर रहा आपका Aadhaar? ऐसे कर सकते हैं चेक

एजेंसी डेटा को प्रोसेस करके आगे भेजती है 

इसमें शख्स का आधार नंबर और उससे संबंधित डेटा को सब्मिट किया जाता है, जिसमें डेमोग्राफिक्स या बायोमेट्रिक्स डेटा सब्मिट करना होता है. ये रिक्वेस्ट UIDAI की CIDR के पास जाता है. 

CIDR की तरफ से रिक्वेस्ट को वेरिफाई किया जाता है 

इसके बाद UIDAI का CIDR उस सब्मिटेड रिक्वेस्ट को प्रोसेस करता है. इसके बाद CIDR एजेंसी डेटा को अपने पास मौजूद बायोमेट्रिक से मैच करती है और जब ये काम कंप्लीट हो जाता है तो ऑथेंटिकेशन प्रोसेस कंप्लीट हो जाता है. 

यह भी पढ़ें: तत्काल टिकट के लिए IRCTC App पर कर लें ये वेरिफिकेशन, 1 जुलाई से बदलने जा रहा नियम

आधार ऑथेंटिकेशन के कई तरीके 
 
आधार ऑथेंटिकेशन के 2-3 तरीके हैं. इसमें आप फेस ऑथेंटिकेशन, फिंगर प्रिंट स्कैनर और OTP ऑथेंटिकेशन शामिल है. जहां बायोमेट्रिक प्रोसेस में यूजर्स को फिंगर या फेस को स्कैन कराना होता है. वहीं OTP के जरिए भी ऑथेंटिकेट कर सकते हैं, जिसमें आधार कार्ड होल्डर्स के रजिस्टर्ड नंबर पर OTP जाता है.  

Advertisement

आधार ऑथेंटिकेशन्स के फायदे 

आधार ऑथेंटिकेशन, एक इंस्टैंट मैकेनिज्म है और वह आपकी आईडेंटी को ऑनलाइन तरीके से साबित करता है. इसके लिए आपको सिर्फ आधार नंबर को लेकर आना होता है, उसके अलावा किसी अन्य डॉक्यूमेंट्स की जरूरत नहीं होती है. 

ऑफलाइन ऑथेंटिकेशन 

Aadhaar QR कोड को स्कैन करके भी ऑफलाइन ऑथेंटिकेशन को कंप्लीट किया जा सकता है. इसके लिए इंटरनेट आदि की जरूरत नहीं होती है. इसके लिए आपको आधार के मोबाइल ऐप का यूज करना पड़ता है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement