मार्क जकरबर्ग की कंपनी Meta एक नई चुनौती का सामना कर रही है. कंपनी के खिलाफ अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन ने एक एंटीट्र्स्ट केस फाइल किया है, जिसका ट्रायल शुरू हो गया है. रिपोर्ट्स की मानें तो मार्च में मार्क जकरबर्ग ने इस केस के सेटलमेंट के लिए FTC से संपर्क किया था. उन्होंने FTC को ट्रायल से पहले सेटलमेंट के लिए पैसे भी ऑफर किए थे.
वॉल स्ट्रीट जरनल की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्क ने मार्च महीने में इस केस के सेटलमेंट के लिए 45 करोड़ अमेरिकी डॉलर ऑफर किए थे. जैसे-जैसे ट्रायल की तारीख नजदीक आने लगी, तो उन्होंने इस रकम को बढ़ाकर 1 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 8600 करोड़ रुपये) तक कर दिया था. हालांकि, ये रकम FTC के डिमांड से बहुत कम है.
FTC ने 30 अरब डॉलर का मांग की है. मार्क जकरबर्ग के इस ऑफर को FTC चेयरमैन Andrew Ferguson ने अस्वीकार कर दिया था. रिपोर्ट्स में बताया गया है कि Andrew Ferguson 18 अरब डॉलर से कम पर कोई समझौता नहीं करना चाहते थे. यानी इस सेटलमेंट के लिए 18 अरब डॉलर मार्क जकरबर्ग को देने पड़ते.
जकरबर्ग ने FTC ट्रायल से बचने के लिए काफी कोशिशें की है. यहां तक कि उन्हें उम्मीद थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसमें उनकी मदद करेंगे. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि उन्होंने ट्रंप से इस मामले में दखल देने की अपील की थी. इसके लिए वो लगातार डोनाल्ड ट्रंप से अपने संबंध बेहतर करने में लगे हुए थे.
मेटा ने 10 लाख डॉलर ट्रंप के शपथ ग्रहण में दिए थे. हालांकि, इस मामले में मार्क की बात बन नहीं पाई. सोमवार को FTC का ट्रायल शुरू हो गया है. अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन ने मेटा पर अपनी स्थिति का फायदा उठाकर कंपटीशन को खत्म करने का आरोप लगाया है.
FTC का आरोप है कि मेटा ने WhatsApp और Instagram से कंपीट करने के बजाय अपने पैसों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें खरीद लिया. इससे सोशल मीडिया वर्ल्ड में कंपटीशन खत्म हुआ और मेटा की मोनोपॉली रही. अगर इस ट्रायल में FTC के पक्ष में फैसला होता है, तो मेटा को वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम को बेचना भी पड़ सकता है.