सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर साइबर अपराधों के मामले बढ़ने के बीच इजरायल के एक नागरिक ने एप्लिकेशन ‘फेकऑफ’ विकसित किया है, जो फेसबुक पर फर्जी खातों की पहचान में मददगार होगा.
दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट पर यह ऐप फेसबुक के फर्जी उपभोक्ताओं की धांधली से लोगों को बचाने का दावा करता है. फेकऑफ बनाने वाले एलिरन शैचर ने बताया कि हाल के आंकड़े दिखाते हैं कि करीब 1.35 अरब फेसबुक उपभोक्ताओं में से कम से कम 10 प्रतिशत विश्वसनीय नहीं हैं. इसके अलावा लाखों उपभोक्ता ऐसे हैं, जो फर्जी पहचान बनाते हैं और नियमित उपयोगकर्ता के तौर पर दिखाई देते हैं. फर्जी प्रोफाइलों को अनेक समूहों में बांटा गया है जिनमें आपराधिक, व्यावसायिक और मनोवैज्ञानिक आदि हैं.
शेचर के मुताबिक 'फेकऑफ' ऐप परिष्कृत गणना प्रणाली का इस्तेमाल करके फेसबुक पर दोस्ती करने वाले संदिग्ध लोगों के हावभाव को समझता है और उन्हें 1 से 10 के अनुसार अंक देता है. वह हर संदिग्ध फेसबुक फ्रेंड की टाइमलाइन पर 365 दिन की गतिविधियों की खाक छानता है और असामान्य गतिविधियां भांपता है. फेकऑफ का इस्तेमाल दो महीने से किया जा रहा है और अब तक 15,000 से अधिक लोग इसका इस्तेमाल करने वालों की सूची में शामिल हो गए हैं.
अधिकतर फर्जी खाते भारत और तुर्की के
शेचर ने कहा कि इस ऐप में जांच-पड़ताल से गुजरते हुए 24 प्रतिशत प्रोफाइल फर्जी पाए गए. फर्जी प्रोफाइल बहुत जटिल हो सकता है. फेसबुक ने भी कहा है कि उसके प्लेटफॉर्म पर करीब 14.3 करोड़ खाते फर्जी या नकली हो सकते हैं. इनमें से अधिकतर भारत और तुर्की जैसे विकासशील देशों के हैं.