‘Bloating’ पेट की एक बीमारी का नाम है जिसका मतलब होता है पेट फूलना. बोलचाल की भाषा में इसे ‘गैस की बीमारी’ भी कहते हैं. जिन लोगों ने कभी इसे झेला है उन्हें पता होगा कि ये कम्बख्त कितनी तकलीफदेह चीज है. बिना कुछ खाए ही पेट ऐसे तना रहता है जैसे ठूंस कर खाया हो. बदहजमी से कभी पेट में दर्द होगा तो कभी जी मिचलाएगा. किसी काम में मन नहीं लगेगा. ऐसा महसूस होगा कि आप बिना कुछ किए ही बेदम हुए जा रहे हैं. लगता है काश! किसी तरह से पेट खाली हो जाता...
फोन को भी होती है बदहजमी -
अगर मैं आपसे कहूं कि आपका एंड्रॉयड फोन भी इसी बीमारी का शिकार है तो आप शायद हंसेंगे. लेकिन अगर ये सच नहीं होता तो टेक्नोलॉजी कि दुनिया में ‘Bloatware’ नाम का शब्द ही नहीं होता. Bloatware का मतलब है वो फालतू के Apps या सर्विसेज जो आपके फोन की पेट में जबरदस्ती ठूंसे हुए रहते हैं और आपके फोन को सुस्त, बेदम और स्लो बना देते हैं. सबसे बड़ी मुसीबत ये है कि आप इन्हें चाहकर भी अपने फोन से हटा नहीं पाते. ये Uninstall होने का नाम ही नहीं लेते. आप चाहे इन Apps को कभी इस्तेमाल न करते हों, ये फोन में पड़े-पड़े आपके फोन की मेमरी और स्पेस खाएंगे और बैट्री पीते रहेंगे. ये Uninstall इसलिए नहीं होते क्योंकि इन्हें आपने कभी डाउनलोड किया ही नहीं था. ये तो पिछले जन्म के पाप की गठरी की तरह आपके फोन में पहले से ही मौजूद थे. फोन कंपनी ने जब फोन बनाया तभी सॉफ्टवेयर के सीने चिपकाकर इसे आपके हवाले कर दिया. कई बार फोन कंपनियां किसी App को प्रोमोट करने की डील कर लेती हैं और इसे फोन में पहले से डाल देती हैं ताकि लोग उसका इस्तेमाल करें और वो App लोकप्रिय हो जाए. यानी, मान न मान, मैं तेरा मेहमान! अपने एंड्रॉयड फोन में झांककर देखें, ऐसी कई कचरा चीजें भरी होंगी जिसे आप कभी इस्तेमाल नहीं करते, लेकिन जिनसे छुटकारा पाना भी आसान नहीं है.
हटाए नहीं हटता फोन का कचरा -
फूले हुए पेट की तरह, Bloatware से छुटकारा पाने के लिए लोग कई उपाय आजमाते हैं. कोई Battery Saver और Memory Booster के चक्कर में पड़ता है तो कोई उन Apps को नजरों के सामने से हटा कर भूल जाने की कोशिश करता है. एक तरीका है ऐसे Apps को Disable करने का. ( Menu > Settings > Application Manager > Go to App you want to disable > Disable). लेकिन इसमें दो मुश्किल हैं. पहली तो ये कि ये सुविधा सिर्फ उन फोन्स में है जिनमें Android Version 4.0 या उससे ऊपर है. दूसरी दिक्कत ये है कि कई Apps इस तरीके से Disable नहीं हो पाते. तमाम Apps ऐसे हैं जिनमें Disable करने का Option दिखेगा ही नहीं.
Bloatware से छुटकारा पाने का एक और कठिन तरीका है फोन को Root करना. इसका मतलब है फोन के सॉफ्टवेयर के भीतर घुसकर छेड़छाड़ करना और अपने हिसाब से बदलाव करना. इसके बारे में ज्यादा बात करने का फायदा नहीं, क्योंकि न तो ये हर आदमी के बस की बात है और न ही इसे करना चाहिए. क्योंकि एक तो Root करने से फोन की वारंटी खत्म हो जाती है और अगर कुछ गड़बड़ हो जाए तो फोन पूरी तरह से खराब हो सकता है.
अब आ गयी है जादू की गोली -
Bloatware से छुटकारा पाना चाहते हैं तो बिना समय गंवाए Play Store में जाकर Clean Master नाम का App डाउनलोड कर लीजिए. ये कमाल का App एक नहीं बल्कि कई मर्जों की दवा है. इसकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इसी महीने की 18 तरीख को दुनिया में Clean Master को इस्तेमाल करने वालों की संख्या दस करोड़ को पार कर गई. दरअसल, अगर गेम्स को छोड़ दें तो ये Play Store में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला चौथे नंबर का App है. इसे बनाती है अमेरिका के सैन-फ्रांसिस्को स्थित KS Mobile नाम की एक कंपनी, जिसके ऑफिस चीन और जापान में भी हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि ये App एकदम मुफ्त है.
मैं तो इस App का इस्तेमाल काफी दिनों से कर रहा हूं. लेकिन आज इसकी सलाह आपको देने के पीछे एक खास वजह है. असल में, अभी तीन दिन पहले ही इस App ने एक नए अपडेट के साथ अपना Version 5.1 लांच किया है जिसके बाद ये App वाकई चमत्कारिक हो गया है. इस नए अपडेट के बाद अब इसकी मदद से फोन से जिद्दी Bloatware को हटाना चुटकी बजाने का खेल हो गया है. जब आप इस App को डाउनलोड करके पहली बार Open करेंगे तो ये आपसे Pre-installed Apps को Disable करने की Permission मांगेगा. आप इसे ये अधिकार दे दीजिए.
चुन-चुन कर करते जाओ बेहोश -
बस, अब फोन से Bloatware का कचरा साफ करना एकदम आसान है. Clean Master को ओपन करते ही आपको चार चीजें दिखेंगे - Junk Files, Memory Boost, Security & Privacy और App Manager. App Manager का बटन दबाते ही सबसे उपर आपको Pre-installed apps दिख जाएंगे. और आप ये देखकर वाकई खुश हो जाएंगे कि Pre-installed apps की लिस्ट में आपको फोन में मौजूद ज्यादातर चीजों को Disable करने का ऑपशन दिखेगा. Disable करने का मतलब है कि वो Apps फोन से हटे तो नहीं लेकिन यूं माने की आपने उनको बेहोश कर दिया. न तो वो अब अपने मन से बैकग्रांउड में चलते रह कर आपके फोन को स्लो कर सकेंगे न ही बिना बात की बैटरी फूकेंगे और न ही RAM यानी फोन की मेमोरी की खपत बढाएंगे. ये घर के बेकार कचरे को बाहर फेंकने जैसा है. अब घर में ज्यादा जगह होगी, घर साफ-सुथरा और बड़ा दिखेगा. इंतजार कैसा, अब आप चुन-चुन कर सभी Bloatware, फालतू के कभी काम न आने वाले Apps को बेहोशी की गोली देते जाएं. कुछ App ऐसे होंगे, जिन्हें Disable करने से पहले आपको उनके Updates Uninstall करने होंगे. लेकिन ये भी पल भर का काम है.
जरा संभल के, भाई -
लेकिन यहां आपको एक बात से आगाह करना जरूरी है. Clean Master एक बेहद पावरफुल हथियार है जिसका सोच समझ कर इस्तेमाल करना होगा. उन Apps को Disable नहीं करें जिसके बारे में आप ये नहीं समझते कि इसका काम क्या है वर्ना फोन में दिक्कत हो सकती है. हालांकि गलती से कुछ Disable हो गया तो उसे दोबारा Enable करना भी इतना ही आसान है. फालतू Apps को Disable करने के बाद एक बार फोन को restart कर लें.
कई मर्जों की एक दवा -
Clean Master और भी बहुत कुछ करता है. Junk Files का बटन दबाते ही फोन से पुराने, छिपे हुए बेकार Files साफ हो जाएंगे जिनका कुछ टुकड़ा फोन के भीतर बचा रह जाता है. Security & Privacy में जाकर आप फोन से कॉल की लॉग, SMS, history सब कुछ मिटा सकते हैं. App Manager में ही जाकर आप चाहें तो तमाम Apps को फोन की मेमरी से हटाकर SD Card में भेज सकते हैं. Memory Boost का ऑपशन मेरी समझ से बस एक फालतू का झुनझना है जो सिर्फ इसलिए डाला गया है कि बहुत से लोगों को फोन की Memory Boost करने का नशा हो जाता है और वो इसे खोजते रहते हैं. इसके चक्कर में मत पड़े. वैसे भी फालतू Apps और सर्विसेज को Disable करने के बाद सिर्फ आपके काम की चीजें ही मेमोरी (RAM) में रहेंगी. आप खुद देखेंगे कि फोन पहले से फास्ट हो गया है और ज्यादा स्मूथ चल रहा है.

डॉक्टर बताते हैं कि ‘गैस’ एक बहुत ही कॉमन problem है जिससे तमाम लोग परेशान रहते हैं और जाने क्या-क्या नुस्खे आजमाते रहते हैं, फोन के मामले में भी हाल कुछ ऐसा ही है. लेकिन Bloatware, फालतू के ऊल-जलूल कचरे से फोन के फूले हुए पेट को आराम पहुंचाने की गोली अब आपके पास है. एक ऐसी गोली, जिसका शायद हर एंड्रॉयड फोन को बेसब्री से इंतजार था.
लेखक ‘आजतक’ के वरिष्ठ संवाददाता हैं.