scorecardresearch
 

UN सर्वे: साइबर सिक्योरिटी में भारत 25वें नंबर पर

इस सर्वे में काफी चौंकाने वाली बातें भी कही गई हैं. UN द्वारा किए गए इस सर्वे में कहा गया है कि साइबर सिक्योरिटी का पहला कदम नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटिजी को अपनाना है, लेकिन इसमें 50 फीसदी देशों के पास कुछ भी नहीं है.

Advertisement
X
Representational Image
Representational Image

साइबर सिक्योरिटी के मामले में भारत काफी पिछड़ा है. इसका अंदाजा आए दिन सरकारी वेबसाइट से आधार डेटा लीक होने से ही लगा सकते हैं. हाल ही में लगातार ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिसके बाद साइबर सिक्योरिटी पर सवाल उठे हैं.

युनाइटेड नेशनंस इंटरनेशनल टेलीकम्यूनिकेशन यूनियन ने एक सर्वे किया है. इसमें भारत का नंबर 25वां है. इस सर्वे में कहा गया है कि अभी भी देशों में साइबर सिक्योरिटी की जागरूकता, समझ, जानकारी और सही स्ट्रैटिजी की कमी है.

इस सर्वे में नंबर-1 पर सिंगापुर है जबकि दूसरे नंबर पर अमेरिका है. टॉप 10 देशों में मलेशिया, ओमान, मौरिशियस, ऑस्ट्रेलिया, जॉर्जिया, फ्रांस और कनाडा जैसे देश शामिल हैं. रूस इस मामले में 11वें नंबर पर है और जर्मनी 12वें पर है. चीन साइबर सिक्योरिटी के मामले में 34वें नंबर पर है.

Advertisement

यह रैंकिंग देश की लीगल, टेक्निकल, संगाठनात्मक कानून, रिसर्च क्षमता और इनफॉर्मेशन शेयरिंग नेटवर्क्स के आधार पर की गई है.

इस सर्वे में काफी चौंकाने वाली बातें भी कही गई हैं. UN द्वारा किए गए इस सर्वे में कहा गया है कि साइबर सिक्योरिटी का पहला कदम नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटिजी को अपनाना है, लेकिन इसमें 50 फीसदी देशों के पास कुछ भी नहीं है.

भारत में फिलहाल कैशलेस इकॉनॉमी की कवायद तेज है और सरकार लोगों से बढ़ चढ़ कर कैशलेस ट्रांजैक्शन करने को कह रही है. इतना ही नहीं आधार के जरिए सभी सुविधाओं को जोड़ा जा रहा है. इसका मतलब ये कि देश के सभी नागरिकों की लगभग जानकारियां इंटरनेट से जुड़ी होंगी. ऐसे में साइबर सिक्योरिटी की रैंकिंग सुधारने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए. 

इस सर्वे में यह भी कहा गया है कि साइबर सिक्योरिटी एक इको सिस्टम है जहां कानून, संस्थान, कुशलता, संबंध और टेक्निकल परिपालन का तालमेल बना कर इसे प्रभावशाली बनाने की जरूरत है.

 

 

Advertisement
Advertisement