किशोरों में बढ़ती स्मार्टफोन की आदत को देखते हुए अमेरिका स्थित जॉर्जिया विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने अमेरिका के 10 लाख से ज्यादा युवाओं से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया है. जिसमें यह बात सामने आई कि चौबीसों घंटे स्मार्टफोन यूज़ करने वाले युवा, स्मार्टफोन यूज़ ना करने वालों के मुकाबले अधिक दुखी रहते हैं.
सुबह उठते ही किसी के मैसेज का जवाब देना हो या बार-बार फेसबुक की अपडेट चैक करनी हो, क्लासरूम से ट्वीट करना, आज का युवा स्मार्टफोन का आदी हो चुका है. आदी हो चुके युवाओं की मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह सर्वे किया गया.
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विद्यार्थियों से उनकी खुशी के बारे में किये सवाल
सर्वे में विद्यार्थियों से पूछा गया कि वह अपने फोन, टैबलेट और कंप्यूटर के साथ कितना समय गुजारते हैं. उनसे सामान्य आमने-सामने होने वाले सामाजिक बातचीत और इससे मिलने वाली खुशी के बारे में भी सवाल किये गये थे.
स्मार्टफोन ज्यादा यूज़ करने से बढ़ती है अप्रसन्नता
अध्ययन में यह बात सामने आई कि कंप्यूटर गेम्स खेलने, सोशल मीडिया, संदेश भेजने, वीडियो चैटिंग करने सहित फोन आदि पर ज्यादा वक्त गुजारने वाले किशोर इन उपकरणों से दूर रहने वाले किशोरों के मुकाबले ज्यादा दुखी रहते हैं.
अध्ययन के अनुसार, खेल-कूद, अखबार-पत्रिकाएं पढ़ने, लोगों से बातचीत करने वाले किशोर ज्यादा खुश रहते हैं.
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अध्ययन करने वालों का मानना है कि फोन आदि पर ज्यादा समय गुजारने से किशोरों में अप्रसन्नता बढ़ रही है.
इमोशन नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के परिणाम के मुताबिक, फोन आदि पर ज्यादा से ज्यादा समय गुजारने की स्थिति में धीरे-धीरे अप्रसन्नता बढ़ती जाती है.