scorecardresearch
 

मोबाइल विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया संयुक्त कार्यबल

सरकार ने देश में मोबाइल फोन के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त कार्यबल गठित किया है. इसका मकसद 2019 तक 50 करोड़ मोबाइल हैंडसेट इकाई के उत्पादन लक्ष्य को हासिल करना है. कार्यबल में सैमसंग, माइक्रोसाफ्ट डिवाइसेस तथा लावा के प्रतिनिधि शामिल हैं.

Advertisement
X
symbolic image
symbolic image

सरकार ने देश में मोबाइल फोन के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त कार्यबल गठित किया है. इसका मकसद 2019 तक 50 करोड़ मोबाइल हैंडसेट इकाई के उत्पादन लक्ष्य को हासिल करना है. कार्यबल में सैमसंग, माइक्रोसाफ्ट डिवाइसेस तथा लावा के प्रतिनिधि शामिल हैं.

उद्योग संगठन इंडियन सेल्युलर एसोसिएशन (आईसीए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज महेन्द्रू को कार्यबल का चेयरमैन नियुक्त किया गया है. नोकिया सेज अध्यक्ष तथा निदेशक (भारत परिचालन) जोश फोलगेर को लावा के सह-संस्थापक हरि ओम राय के साथ सह-अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. सैमसंग इंडिया के प्रबंध निदेशक बीडी पार्क, सोनी इंडिया के केनीचिरो हिबी, माइक्रोसाफ्ट डिवाइसेस के निदेशक (सरकारी संपर्क) संदीप भार्गव, एलजी इंडिया के प्रबंध निदेशक एसएच केवोन, माइक्रोमैक्स इन्फार्मेटिक्स के सह-संस्थापक विकास जैन कार्यबल में सदस्य बनाए गए हैं.

कार्यबल में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) के निदेशक एस.के. मारवाह और आशा नानगिया सरकार के प्रतिनिधि होंगे. एक आधिकारिक ज्ञापन के अनुसार डीईआईटीवाई ने मोबाइल हैंडसेट में उल्लेखनीय वृद्धि तथा देश में इसके विनिर्माण के माहौल को बेहतर बनाने के लिए ‘फास्ट ट्रैक टास्क फोर्स’ के गठन की घोषणा की है.

Advertisement

ज्ञापन में कहा गया है कि कार्यबल को जो जिम्मेदारी सौंपी गयी है, उसमें 2019 तक 50 करोड़ मोबाइल हैंडसेट इकाई के उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर विनिर्माण (असेंबल) गतिविधियों को बढ़ावा देना शामिल है. एक अनुमान के अनुसार बड़े पैमाने पर उत्पादन से 15 लाख रोजगार सृजित होंगे.

आईसीए ने बजट पूर्व दी अपनी सिफारिशों में कहा है कि सुधारात्मक कदम के अभाव में भारत से मोबाइल निर्यात 2015 में शून्य हो जाएगा. देश में मोबाइल बाजार 2014 में 32 प्रतिशत बढ़कर 12 अरब डॉलर का रहा, लेकिन आयात की हिस्सेदारी तीन चौथाई है. घरेलू उत्पादन 29 प्रतिशत घटा जिसका मुख्य कारण नोकिया संयंत्र में उत्पादन रुकना है.

आईसीए की रिपोर्ट के अनुसार देश से मोबाइल निर्यात में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है. 2012 में 12,000 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया और 2013 में 11,850 करोड़ रुपये का मोबाइल हैंडसेट निर्यात किया गया, जो 2014 में घटकर 2,450 करोड़ रुपये का रह गया.

- इनपुट भाषा से

Advertisement
Advertisement