scorecardresearch
 

मार्क जकरबर्ग को मोबाइल ओएस ना बनाने का है मलाल!

Facebook F8 के कीनोट सेशन में मार्क जकरबर्क ने ऑग्मेंटेड रियलिटी का डेमो दिया. यह काफी दिलचस्प था. इस ऑग्मेंटेड रियलिटी प्लैटफॉर्म के जरिए आप वर्चुअल दुनिया में जाकर अपने लिविंग रूम में टीवी देख सकते हैं. टीवी की स्क्रीन अपने हिसाब से बड़ी भी कर सकते हैं.

Advertisement
X
फेसबुक सीईओ मार्क जकरबर्ग
फेसबुक सीईओ मार्क जकरबर्ग

फेसबुक के सीईओ और फाउंडर मार्क जकरबर्ग वैसे तो फेसबुक में लगातार नई टेक्नॉलॉजी के साथ लोगों को हैरान कर रहे हैं. लेकिन वो वो शायद मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम बनाना चाहते थे जिसमें अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिली है.

दी न्यू यॉर्क टाइम्स के मुताबिक फेसबुक को-फाउंडर मार्क जकरबर्ग को इस बात का मलाल हमेशा से है कि उन्होंने अपना स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं बनाया है.

18-19 अप्रैल को F8 डेवलपर कॉन्फ्रेंस को देखकर ऐसा लगा जैसे कंपनी ने गूगल , ऐपल और स्मार्टफोन के मार्केट प्लेस को मात देने की प्लानिंग काफी मजबूत तरीके से की है.

कुछ उदाहरणों के जरिए समझिए की कैसे फेसबुक गूगल और ऐपल जैसी कंपनियों को टक्कर देने की तैयारी में है. इसके अलावा आगे आप यह भी समझ पाएंगे कि कैसे स्मार्टफोन कंपनियों के लिए भी यह मुश्किल भरा है. क्योंकि जब लोग स्मार्टफोन से ज्यादा फेसबुक के प्रोडक्ट्स पर ध्यान देंगे तो जाहिर है कंपनियां परेशा होंगी.

Advertisement

Facebook F8 के कीनोट सेशन में मार्क जकरबर्क ने ऑग्मेंटेड रियलिटी का डेमो दिया. यह काफी दिलचस्प था. इस ऑग्मेंटेड रियलिटी प्लैटफॉर्म के जरिए आप वर्चुअल दुनिया में जाकर अपने लिविंग रूम में टीवी देख सकते हैं. टीवी की स्क्रीन अपने हिसाब से बड़ी भी कर सकते हैं.

मार्क जकरबर्ग ने F8 कीनोट सेशन के पहले USA Today को दिए गए इंटरव्यू में बताया है, ‘हमें साधारण टीवी की जरूरत नहीं है. हम 1 डॉलर में टीवी ऐप खरीद कर उसे अपनी वॉल पर लगा कर देख सकते हैं’. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि फेसबुक की प्लानिंग क्या है.

सोशल वीआर प्लैटफॉर्म के जरिए फेसबुक मैसेंजर पर यूजर्स अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ वर्चुअल स्पेस में सैर कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर चार लोग VR Headset लगाकर मैसेंजर के जरिए एक साथ कनेक्ट हो सकते हैं. कनेक्ट हो कर चाहें तो किसी दूसरे देश की मशहूर जगहों पर जा सकते हैं. उसी जगह पर आप चाहें तो फिल्में देख लें या फिर कोई गेम खेल लें. स्पेस में जाएं या किसी समुद्र में तैराकी कर सकते हैं.

जैसे वर्चुअल टीवी का कॉन्सेप्ट फेसबुक ने बताया है वैसे ही यह स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच, टैबलेट और फिटनेस ट्रैकर पर भी लागू हो सकता है.

Advertisement

गौरतलब है कि माइक्रोसॉफ्ट पहले ही HoloLens होलोग्राफिक गोगल के जरिए इस तकनीक को यूज करता है. लेकिन फेसबुक इसे यूजर सेंट्रिक बनाने की तैयारी में है.

Advertisement
Advertisement