माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स दुनिया भर लंबे समय से मश्हूर शख्सियत हैं. लंबे समय तक (लगभग 12 साल) वो दुनिया के सबसे अमीर शख्स भी रहे हैं, हालांकि अभी वो दूसरे नंबर पर हैं और ऐमेजॉन क जेफ बेजोस पहले नंबर पर हैं. बहरहाल बिल गेट्स की एक बड़ी गलती के बारे में हम बताएंगे, जिसके बारे में उन्होंने खुद कहा है.
मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में फिलहाल दो नाम हैं – Android और iOS. ये दोनों मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम दुनिया भर के ज्यादातर स्मार्टफोन्स में मिल जाएंगे. काफी पहले माइक्रोसॉफ्ट का अपना मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम हुआ करता था जिसे Windows Phone में दिया गया. लेकिन माइक्रोसॉफ्ट का मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम Android और iOS को टक्कर नहीं दे पाया और आखिरकार 2017 में इसे कंपनी ने बंद कर दिया.
गूगल ने एंड्रॉयड डेवेलप किया और इसने नोकिया के मोबाइल ओएस को पीछे करते हुए दुनिया भर में अपनी पहुंच बना ली. माइक्रोसॉफ्ट के को फाउंडर बिल गेट्स अपनी सबसे बड़ी गलती इसे ही मानते हैं कि उन्होंने गूगल को Android डेवेलप करने का मौका दिया.
बिल गेट्स ने एक वेंचर कैपिटल फर्म विलेज ग्लोबल को हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू ये बातें कही हैं. उन्होंने एंड्रॉयड को स्टैंडर्ड नॉन ऐपल फोन प्लैटफॉर्म बताया है. उन्होंने इस इंटरव्यू में यह भी कहा है कि माइक्रोसॉफ्ट के लिए Android जैसा प्लेटफॉर्म बनाना नैचुरल होता.
गौरतलब है कि Android 2005 से पहले तक एक इंडिपेंडेट प्लेटफॉर्म हुआ करता था, लेकिन गूगल ने इसे 2005 में 50 मिलियन जॉलर में खरीद लिया. वर्ज की रिपोर्ट के मुताबिक गूगल के पूर्व सीईओ Eric Schmidt ने माना है कि शुरुआत में गूगल का फोकस माइक्रोसॉफ्ट के शुरुआती मोबाइल एफर्ट को मात देना था. इतना ही नहीं गूगल के पूर्व सीईओन ने 2012 में यहां तक कहा था कि, तब वो माइक्रोसॉफ्ट के मोबाइल स्ट्रैटिजी को लेकर काफी चिंतित थे कि वो सफल न हो जाए’