क्रिकेट के मैदान पर युसूफ पठान के रंग और तेवर तो सभी ने देखा है लेकिन उनका असली चेहरा इससे कहीं जुदा है. ये अकेले का रंग है, दोस्ती का रंग है और इंसानी जज्बात का रंग है. असलियत ये भी है कि यूसुफ़ ख़ामोश रहना ज़्यादा पसंद करते हैं और लोगों से घुलने मिलने से परहेज करते हैं.