विस्फोट, चमत्कार, अद्वितीय, कुछ भी नामुमकिन नहीं. आप चाहें तो ऐसी हजारों बातें जोड़ सकते हैं क्योंकि वीरेंद्र सहवाग का खेल ही कुछ ऐसा है. कहां तो वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों से उनका बल्ला ही नहीं चल रहा था. और जब उन्होंने बल्ले का मुंह खोला तो रिकॉर्ड के माउंट एवरेस्ट पर पहुंच गए.