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जेम्स एंडरसन को 'बेकसूर' बताने वाले फैसले के खिलाफ बीसीसीआई ने आईसीसी पर बनाया दबाव

अगर आपको लगता है कि रवींद्र जडेजा-जेम्स एंडरसन विवाद अब ठंडे बस्ते में चला जाएगा, तो आप चौंकने के लिए तैयार रहिए.

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लॉर्ड्स टेस्ट मैच के दौरान रवींद्र जडेजा और जेम्स एंडरसन
लॉर्ड्स टेस्ट मैच के दौरान रवींद्र जडेजा और जेम्स एंडरसन

अगर आपको लगता है कि रवींद्र जडेजा-जेम्स एंडरसन विवाद अब ठंडे बस्ते में चला जाएगा, तो आप चौंकने के लिए तैयार रहिए. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) इस मुद्दे पर अभी शांत बैठेने के मूड में नजर नहीं आ रहा. बीसीसीआई ने जडेजा-एंडरसन मामले पर आए फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए आईसीसी से अपील की है.

गौरतलब है कि सीसीटीवी साक्ष्य और निष्पक्ष बयानों के अभाव में आईसीसी द्वारा नियुक्त जूडिशियल कमिश्नर ने गॉर्डन लुइस ने एंडरसन को श्रेणी-3 के आरोप से बरी कर दिया. टीम इंडिया ने एंडरसन पर रवींद्र जडेजा को अपशब्द कहने और धक्का देने के लिए श्रेणी-3 का आरोप लगाया था. इस सुनवाई के बाद जडेजा को श्रेणी-2 के आरोपों से बरी कर दिया था.

आईसीसी नियमों के तहत किसी न्यायिक आयुक्त के निर्णय के खिलाफ संबंधित खिलाड़ी या आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेव रिचर्डसन अपील कर सकते हैं. हालांकि यह अपील आईसीसी की विधि अध्यक्ष से लिखित आदेश मिलने के सात दिनों के अंदर करना होता है.

न्यायिक आयुक्त के फैसले के खिलाफ की गई अपील पर आईसीसी की आचार संहिता आयोग के तीन सदस्यों वाली समिति नए सिरे से सुनवाई करेगी, और उनके पास पूर्व में दिए गए फैसले में फेरबदल करने का अधिकार होगा.

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अपील किए जाने के 48 घंटे के भीतर विधि अध्यक्ष इस समिति का गठन करेंगे. चूंकि मामला भारत और इंग्लैंड के बीच है, इसलिए समिति के तीनों सदस्यों को बाकी आठ पूर्णकालिक देशों के सदस्यों में से चुना जाएगा. समिति गठन के 30 दिनों के अंदर मामले की सुनवाई करनी होगी और इस समिति का फैसला अंतिम होगा.

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