कोलकाता टेस्ट में मिली शर्मनाक हार के बाद पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेटरों की ‘ प्रतिभा और काबिलियत’ पर सवाल उठाये हैं.
द्रविड़ ने ‘बीबीसी टेस्ट मैच स्पेशल’ में कहा ,‘लोग रवैये की बात करते हैं और कहते हैं कि इंडियन प्रीमियर लीग में भारी पैसा होने के कारण खिलाड़ियों को दूसरे प्रारूप की परवाह नहीं है. यह तस्वीर का एक पहलू है लेकिन असल में कारण हुनर और काबिलियत की कमी है जो मेरी चिंता का सबब है. इससे खिलाड़ियों की क्षमता और काबिलियत पर सवाल उठते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हमारा घरेलू क्रिकेट भी उस स्तर का नहीं है जिससे खिलाड़ी सीधे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रवेश कर सके.’ द्रविड़ ने कहा कि टीम के प्रदर्शन पर भारतीय क्रिकेटप्रेमियों का गुस्सा जायज है.
उन्होंने कहा, ‘हार से नहीं बल्कि हारने के तरीके से भी लोग क्षुब्ध हैं. भारत ने तीन बार टॉस जीते और मुंबई में तो विकेट भी अनुकूल था. इसके बावजूद हम उसका फायदा नहीं उठा सके.’
उन्होंने कहा, ‘इंग्लैंड ने भारतीय क्रिकेट टीम को आईना दिखा दिया है. सफल टीमें वही होती है जिसमें खिलाड़ी मिलकर एक साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं.’
द्रविड़ ने कहा, ‘मुझे लगता है कि ‘ए’ टूर और अकादमी प्रणाली काफी महत्वपूर्ण बनती जा रही है और मुझे लगता है कि इंग्लैंड इस राह पर अच्छी तरह चल रहा है क्योंकि उनकी अकादमी हर साल सर्दियों में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में खेलने जाती है. मुझे लगता है कि इंग्लैंड से भारत यह सीख सकता है.’
उन्होंने कहा, ‘यह समझना होगा कि भारतीय टीम थोड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है. टीम काम कर रही है कि उन युवा खिलाड़ियों को कैसे शामिल किया जाये जिनमें तकनीक, कौशल और टेस्ट क्रिकेट खेलने की इच्छा है.’
द्रविड़ ने यह भी स्वीकार किया कि आर अश्विन और प्रज्ञान ओझा उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके.
उन्होंने कहा, ‘भारत को स्पिन विभाग में पछाड़ दिया गया और यह चिंता का संकेत है क्योंकि स्पिन हमारी मजबूती रही है.’
वह भारतीय टीम के मैदान पर प्रयास और उनके फिटनेस के स्तर से काफी निराश थे लेकिन उन्होंने कहा कि इसे बहाने के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
उन्होंने कहा, ‘भारत का प्रदर्शन मैदान पर काफी खराब रहा और उनकी शारीरिक फिटनेस भी निराशाजनक थी. यह कोई बहाना नहीं है. आप रन की मांग नहीं कर सकते लेकिन आप कम से कम प्रयास में जवाबदेही की मांग कर सकते हो.’
पूरी उम्मीद है कि भारतीय टीम नागपुर में फाइनल टेस्ट में जीत दर्ज कर श्रृंखला बराबर करने के लिये वापसी करेगी लेकिन इस 40 वर्षीय को लगता है कि इसके लिये लंबे समय की योजना की जरूरत है.
उन्होंने कहा, ‘नागपुर में भले ही कुछ भी हो, लेकिन अगर भारत को लगातार सफल टीम और नंबर एक रैंकिंग के लिये चुनौती बनना है तो श्रृंखला से सबक सीखने की जरूरत है.’