scorecardresearch
 

70 साल पहले आज ही विश्व फुटबॉल में भारत ने नंगे पैर किया था धमाका

 भारत मौजूदा फीफी रैंकिंग में टॉप-100 की टीमों में है, वह फिलहाल 97वें रैंकिंग की टीम है. उम्मीद है कि भारतीय टीम आने वाले समय में एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खोई चमक हासिल करने में सफल होगी.

Advertisement
X
भारतीय टीम
भारतीय टीम

आज का दिन (31 जुलाई) भारतीय फुटबॉल के सुनहरे दिनों की याद दिलाता है. इसी दिन भारत ने अपना पहला आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था. उसने यह मुकाबला किसी ऐसे-वैसे टूर्नामेंट में नहीं, बल्कि 1948 के ओलंपिक में फ्रांस के खिलाफ खेला था.

उन दिनों भारतीय टीम नंगे पैर फुटबॉल खेलती थी और लंदन में खेले गए ओलंपिक के इस मैच में भी भारत के ज्यादातर खिलाड़ी बिना जूते के मैदान में उतरे थे. भारत को फ्रांस के खिलाफ 1-2 से जरूर हार का सामना करना पड़ा, लेकिन टीम ने अंतिम समय तक संघर्ष जारी रखा था.

इस मुकाबले में फ्रांस की ओर से 30वें मिनट में पहला गोल हुआ. भारतीय टीम ने 70वें मिनट में सारंगपाणि रमण के गोल की बदौलत 1-1 से बराबरी हासिल कर ली. आखिरकार 89वें मिनट में फ्रांस ने गोल कर मैच जीत लिया.

Advertisement

इसके साथ ही मैसूर स्टेट पुलिस फुटबॉल टीम के सारंगपाणि रमण ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली. बेंगलुरु के इस फॉरवर्ड ने भारत की ओर से पहला अंतरराष्ट्रीय गोल करने का कीर्तिमान रच डाला.

...वो यादें

1956 के मेलबर्न ओलंपिक में भारतीय फुटबॉल टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था. तब अंतिम चार के मुकाबले में भारत को युगास्लाविया ने 4-1 से मात दी थी.

इससे पहले भारतीय टीम ने 1950 में ब्राजील में हुए फीफा वर्ल्डकप में क्वालिफाई कर लिया था, लेकिन भारत को टूर्नामेंट में खेलने का अवसर नहीं मिल पाया. भारत क्यों नहीं खेल पाया- इस पर से आज भी पर्दा नहीं हटा है.

ये भी पढ़ें- खत्म होगा इंतजार, 2026 में FIFA वर्ल्ड कप खेल सकता है भारत

इससे जुड़ी कई बातें जो सामने आती हैं. तब भारतीय खिलाड़ी नंगे पैर फुटबॉल खेलते थे, जिसकी वजह से विश्व कप में उन्हें खेलने की इजाजत नहीं मिली. फीफा का नियम था कि उनके सभी टूर्नामेंट में जूते अनिवार्य हैं.

कुछ लोग इसे महज अफवाह बताते हैं. फुटबॉल के जानकार और पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि उस समय इतने पैसे नहीं थे कि वह अपने खिलाड़ियों को ब्राजील भेज पाते.

दूसरी तरफ यह भी कहा जाता है कि भारतीय खिलाड़ियों ने अभ्यास नहीं किया था और वे वर्ल्‍ड कप से ज्‍यादा ओलंपिक को तरजीह देते थे. इसलिए उन्‍होंने वर्ल्‍ड कप खेलने से इनकार कर दिया था.

Advertisement
Advertisement