भारत के एकमात्र व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदकधारी निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने देश के खेल प्रशासकों की उदासीनता पर गुस्सा और निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि वह इन तरह की चीजों के आदी हो चुके हैं. एशियाई खेलों के गांव में जल्दी प्रवेश करना चाहते थे अभिनव लेकिन वो ऐसा नहीं कर सके क्योंकि टूर्नामेंट के आयोजक बिंद्रा और भारतीय निशानेबाजी टीम के अन्य सदस्यों के लिये एक्रीडिटेशन भेजने में असफल रहे.
यह शीर्ष राइफल निशानेबाज यहां पहुंचने के बाद भी बहुत निराश था क्योंकि कोई भी भारतीय अधिकारी उन्हें लेने और उनका एक्रीडिटेशन कार्ड सौंपने के लिये हवाईअड्डे पर नहीं था. उन्हें खुद ही अपने उपकरण की रिलीज के लिये कस्टम औपचारिकतायें पूरी करनी पड़ीं.
ब्रिंद्रा ने कहा, ‘मैं क्या कर सकता हूं. लेकिन यहां पहले आना अच्छा होता.’ उन्होंने कहा, ‘मैं इन चीजों का आदि हो चुका हूं. कुछ भी अब मुझे हैरानी भरा नहीं लगता.’ उन्होंने कहा कि वह सिर्फ अपनी स्पर्धा पर ध्यान लगाकर अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकते हैं.
बिंद्रा ने 2008 बीजिंग ओलंपिक की 10 मी एयर राइफल स्पर्धा में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता था. भारतीय निशानेबाज ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों की सफलता को दोहराने की उम्मीद लगाये हैं जिसमें उन्होंने चार स्वर्ण सहित 17 पदक जीते थे.