चैंपियस ट्रॉफी के दूसरे वॉर्म अप मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छह विकेट खोकर 308 रन का स्कोर बनाया. एक समय टीम 55 रन पर 5 विकेट खोकर संघर्ष करती नजर आ रही थी. मगर फिर भारत के दो विकेट कीपरों ने विकेट पर डेरा डाल लिया.
कार्तिक ने सिंगल, डबल का गेम खेलते हुए धैर्य से पारी संवारी, तो धोनी रन रेट का प्रेशर घटाने के लिए हर दूसरे ओवर में हाथ खोलते रहे. दोनों ने छठे विकेट के लिए 211 रन की साझेदारी की. फिर जेम्स फॉकनर के ओवर में, जो भारतीय पारी का 47वां ओवर था, धोनी ने हेलिकॉप्टर शॉट जमाया और 91 रन पर पहुंच गए. अगली गेंद वाइड रही और फिर उसके बाद की गेंद को धोनी ने मिड ऑफ पर उड़ा दिया. यहां उनका प्रहार रस्सी पार न जा सका और वह मिशेल जॉनसन के हाथों लपके गए.
उधर दिनेश कार्तिक शतक के बाद भी जल्दबाजी के बजाय कलाकारी दिखाकर रन बटोरने में लगे रहे. वह 146 रन पर नाबाद रहे. इस पारी में 17 चौके और एक छक्का शामिल हैं. चौकों की संख्या बता रही है कि कार्तिक ट्वेंटी ट्वेंटी के अंदाज में नहीं खेले. उन्होंने वनडे की सिग्नेचर स्टाइल अपनाई और सिंगल्स और जमीनी शॉट पर जोर दिया. श्रीलंका के खिलाफ 1 जून को हुए वॉर्म अप मैच में भी कार्तिक ने नाबाद 106 रन बनाए थे.
इससे पहले ओपनर को लेकर भारत की शंकाओं को और मजबूती मिली. मुरली विजय 9 गेंदें खेलकर 1 रन ही बना पाए और फिर चलते बने. धवन, कोहली और शर्मा भी क्रमशः 17, 9 और 10 रन पर पैवेलियन लौटे.
सबसे खराब नजारा था रैना के आउट होने का. आईपीएल फाइनल की तरह यहां भी उनके हाथ अंडा लगा. लेग पर आ रही गेंद को वह ड्रिफ्ट करना चाह रहे थे, मगर गेंद उन्हें चकमा देकर स्टंप्स में जा घुसी. मगर इस बुरे नजारे के बाद कार्तिक औऱ धोनी ने पारी को धुरंधरों की तरह संवारा.