फॉर्मूला वन रेस ड्राइवर जूल्स बियांची के परिवार ने पिछले साल हुई उनकी मृत्यु के बाद एफ वन की नियामक संस्था के खिलाफ कानूनी मुकदमा दायर किया है. सुजाका में अक्टूबर में हुई जापान ग्रां प्री के दौरान बियांची मोबाइल क्रेन से टकरा गए थे. इस हादसे में उन्हें काफी चोट आई और नौ महीने कौमा में रहने के बाद 17 जुलाई 2015 को उनकी मृत्यु हो गई थी.
जूल्स बियांची की तरफ से ब्रिटेन की एक कानूनी फर्म बियांची की टीम मारुसिया, फॉर्मूला ओबे ग्रुप और अंतरराष्ट्रीय ऑटोमोबाइल महासंघ के खिलाफ अदालत जाने की सोच रही है.
बीबीसी ने वकील जुलिअन चामबेरलायेने के हवाले से लिखा, ‘बियांची की मौत को टाला जा सकता था.’
उन्होंने कहा, ‘परिवार का कहना है कि रेस के आयोजन, रणनीति और समय में काफी गड़बड़ियां थीं. उनका कहना है कि रेस जापान में टायफून सत्र में आयोजित कराई गई थी और उस समय हालात काफी खराब रहते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हम बियांची के लिए न्याय चाहते हैं और उस फैसले के सच को सामने लाना चाहते हैं जिसके कारण बियांची की मौत हुई.’
उन्होंने कहा, ‘हमें कई सवालों के जवाब चाहिए. हमारा मानना है कि अगर लगातर गलतियां नहीं होतीं तो बिची की मौत को टाला जा सकता था.’