एशियन गेम्स में भारत की शुरुआत भले ही बहुत शानदार न रही हो, लेकिन
मैरीकॉम के सुनहरे पंच के बाद भारतीय हॉकी टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ
'गोल्डन' गोल दागा. इतना ही नहीं, शुक्रवार को भारत की महिला और पुरुष
कबड्डी टीम ने भी सुनहरे तमगों पर कब्जा जमा लिया. दोनों ही टीमों ने फाइनल
में ईरान को मात दी और भारत की झोली में दो और गोल्ड मेडल डाल दिए. इस तरह
से भारत के गोल्ड मेडलों की संख्या 11 हो गई है.
भारतीय पुरुष कबड्डी टीम ने शुक्रवार को फाइनल में कड़े मुकाबले में ईरान को 27-25 से हराकर एशियाई खेलों में लगातार सातवां गोल्ड मेडल जीता. 1990 में एशियाई खेलों में कबड्डी को शामिल किए जाने के बाद से ही लगातार गोल्ड मेडल जीत रही भारतीय पुरुष टीम को गत उप विजेता ईरान ने कड़ी टक्कर दी और मैच के दौरान अधिकांश समय बढ़त बनाए रखी. ईरान ने पहले हाफ के बाद 10 अंक की मजबूत बढ़त बना ली थी लेकिन भारत ने दूसरे हाफ में जोरदार वापसी करते हुए मैच जीत लिया. भारत ने मैच के 37वें मिनट में बढ़त बनाई और फिर इसे बरकरार रखते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया.
चार साल पहले क्वांगचो एशियाई खेलों में कबड्डी का खिताब जीतने वाली भारतीय महिला टीम ने इंचियोन में भी एशियाई ताज बरकरार रखा है. भारतीय टीम ने शुक्रवार को सोंगदो ग्लोबल यूनिवर्सिटी जिम्नेजियम में ईरान को हराकर 17वें एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता. भारतीय महिलाओं ने ईरान को 31-21 से हराया.
क्वांगचो (चीन) में आयोजित 16वें एशियन गेम्स में महिला कबड्डी को एशियाई खेलों में स्थान मिला था. जैसा कि उम्मीद थी, भारतीय महिलाओं ने एशिया में अपना वर्चस्व कायम रखते हुए ईरान पर एकतरफा जीत हासिल की. भारतीय महिलाओं ने 27 अंक आउट से हासिल किए जबकि उन्हें चार अंक लोना के रूप में मिले. ईरानी टीम 16 अंक ही आउट के तौर पर हासिल कर सकी जबकि उसे लोना के रूप में एक भी अंक नहीं मिलान ईरानी टीम को हालांकि बोनस के तौर पर पांच अंक मिले, लेकिन भारत एक भी बोनस नहीं मिल सका.
पहले हाफ में भारत ने 15 (13 आउट, 2 लोना) और दूसरे हाफ में 16 (14 आउट, 2 लोना) अंक बनाए. ईरानी टीम पहले हाफ में 11 (8 आउट, 3 बोनस) और दूसरे हाफ में 10 (8 आउट, 2 बोनस) अंक हासिल करने में सफल रही. कबड्डी में दो गोल्ड दांव पर थे, एक तो भारत के खाते में आ चुका है जबकि भारतीय पुरुष टीम से भी गोल्ड की ही आस है.
हॉकी का 'गोल्डन' गोल...
इंचियोन में हो रहे एशियाई खेलों में भारतीय हॉकी टीम ने पाकिस्तान को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर किया. इसी के साथ भारत ने 2016 में रियो-डी जनेरियो में होने वाले ओलंपिक के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है. फाइनल मुकाबले में भारत पर दबाव काफी ज्यादा था, क्योंकि लीग मैच में उसे पाकिस्तान के हाथों हार झेलनी पड़ी थी.
दोनों चिर प्रतिद्वंद्वियों के बीच यह बराबर का मुकाबला था जिसमें चारों क्वार्टर में दोनों टीमों ने एक-दूसरे को कांटे की टक्कर थी. निर्धारित समय तक स्कोर 1-1 से बराबर रहने के बाद मुकाबला पेनल्टी शूटआउट तक खिंचा. जैसे ही धरमवीर सिंह ने पाकिस्तानी गोलकीपर इमरान बट को छकाकर विजयी गोल दागा, समूची भारतीय टीम जश्न के खुमार में डूब गई. खिलाड़ियों ने एक-दूसरे को और कोच टैरी वाल्श को गले लगाकर बधाई दी. उन्होंने तिरंगा लपेटकर स्टेडियम का चक्कर लगाया, जबकि दर्शक दीर्घा में मौजूद भारतीयों ने उनकी जमकर हौसला अफजाई की. इसमें भारतीय कुश्ती टीम के सदस्य भी शामिल थे.
महिलाओं की 4x400 मीटर रिले टीम को भी गोल्ड
महिलाओं की 4x400 मीटर रिले टीम ने भी भारत को गोल्ड मेडल दिलाया जबकि भारत ने एथलेटिक्स में प्रभावी प्रदर्शन करते हुए कुल 13 मेडल हासिल किए. भारत की प्रियंका पवार, टिंटू लुका, मनदीप कौर और एम आर पूवम्मा की चौकड़ी ने 3:28.68 सेकेंड का समय निकाला. इससे पहले खेलों का रिकॉर्ड 3:29.02 सेकेंड था जो भारत ने ही 2010 में बनाया था. एथलेटिक्स में महिलाओं की चक्काफेंक में सीमा पूनिया के गोल्ड के बाद भारत का यह दूसरा सुनहरा तमगा था. जापान ने सिल्वर और चीन ने ब्रॉन्ज मेडल जीता.