टीम इंडिया के बल्लेबाज विराट कोहली की शतकीय पारी और कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की 99 रनों की संयमित पारियों के दम पर नागपुर में मेजबानों ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच के तीसरे दिन अपनी स्थिति थोड़ी संभाल ली है.
तीसरे दिन खेल खत्म होने तक भारत ने पहली पारी में 297 रनों तक आठ विकेट गंवा दिए हैं. इंग्लैंड अभी भी पहली पारी के आधार पर 33 रन आगे है.
तीसरे दिन धोनी और कोहली ने मिलकर टीम को संकट से उबारा लेकिन मेजबान टीम ने चार विकेट 28 रन के अंदर गंवा दिये, जिससे उसकी पहली पारी में बढ़त लेने की उम्मीद कम ही है.
धोनी और कोहली ने गजब का जज्बा दिखाते हुए पांचवें विकेट के लिये 198 रन की भागीदारी की जो सीरीज में अब तक भारत की सबसे बड़ी साझेदारी भी है.
धोनी और कोहली की पांचवें विकेट की जोड़ी मैच के दूसरे दिन जब मैदान पर खेलने उतरी थी तब भारतीय टीम 71 रन पर चार विकेट गंवाकर जूझ रही थी और इन दोनों ने अपने विकेट बचाकर रखते हुए चार विकेट पर 87 रन तक पहुंचाया था.
तीसरे दिन भी इन दोनों ने शानदार जज्बा दिखाते हुए शतकीय साझेदारी से बेहतरीन ढंग से वापसी की और पहले दोनों सत्र में कोई विकेट नहीं गिरने दिया.
एक समय ऐसा लग रहा था कि ये दोनों टीम को पहली पारी में बढ़त दिला देंगे, लेकिन धीमी रनगति के कारण यह नहीं हो सका. टीम ने तीसरे दिन पूरे दिन 210 रन जोड़े.
अंतिम सत्र में चार विकेट 28 रन के अंदर गिरे, कोहली और आल राउंडर रवींद्र जडेजा (12) पगबाधा आउट तथा पीयूष चावला (01) बोल्ड हुए जबकि धोनी का रन आउट होना निराशाजनक रहा क्योंकि रन लेने के चक्कर में वह अपने छठे टेस्ट शतक से एक रन से चूक गये.
आर अश्विन सात रन बना खेल रहे हैं. इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान ने तीसरे दिन कोहली और चावला के विकेट से कुल तीन जबकि तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने जडेजा के विकेट से अभी तक चार विकेट अपनी झोली में डाल लिये.
चौबीस वर्षीय कोहली ने स्वान की गेंद पर चौका लगाकर अपना तीसरा टेस्ट शतक पूरा किया. इसमें उन्होंने 289 गेंद में 11 चौके जमाये. हालांकि वह अपनी पारी में तीन रन ही जोड़ सके थे कि स्वान की गेंद पर वह पगबाधा आउट हुए.
इस तरह 84.3 ओवर में 198 रन की पांचवें विकेट की साझेदारी का अंत हो गया जिससे इंग्लैंड की टीम काफी राहत महसूस कर रही थी. धोनी ने टेस्ट मैचों में पहली बार 200 से ज्यादा (246) गेंदों का सामना किया है.
हालांकि उन्हें 90 को 99 रन करने में एक घंटे से भी ज्यादा का समय लगा लेकिन रन आउट के कारण एक रन से चूकना भारतीय कप्तान के लिये निराशाजनक रहा. उन्होंने आठ चौके और एक छक्के से 99 रन बनाये.
चाय तक भारतीय टीम धोनी और कोहली की अर्धशतकीय पारियों से चार विकेट पर 227 रन बनाकर पहली पारी की बढ़त हासिल करने की ओर सही दिशा में बढ़ रही थी, लेकिन अंत में चार विकेट गंवाना टीम के लिये अच्छा नहीं रहा.
भारत को यह सीरीज 2-2 से बराबर करने के लिये इस मुकाबले में जीत की जरूरत है. लंच के बाद नयी गेंद 81 ओवर के बाद ली गयी, धोनी और कोहली थोड़े आक्रामक हो गये थे.
कोहली ने जामथा में वीसीए स्टेडियम में टिम ब्रेसनन और मोंटी पनेसर पर खूबसूरत कवर ड्राइव लगायी. इन दोनों ने दूसरे सत्र में 27 ओवर में 81 रन बनाये. कोहली को लंच के बाद अर्धशतक बनाने के लिये चार रन की जरूरत थी और उन्होंने पनेसर की गेंद को एक्सट्रा कवर में सीमारेखा पार कराकर इसे पूरा किया.
कोहली ने तीन घंटे क्रीज पर बिताकर 171 गेंद में महज चार चौके की मदद से 50 रन बनाये, उन्होंने टीम की जरूरत को देखते हुए अपनी नैसर्गिक आक्रामकता को दबाकर रखा, हालांकि थोड़ी देर बाद वह थोड़े आक्रामक हो गये थे.
इस आक्रामकता की बदौलत वह अपना तीसरा टेस्ट शतक पूरा करने और फार्म में वापसी करने में सफल रहे. उनका यह सैकड़ा आलोचकों के लिये जवाब था जिन्होंने उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उन्होंने सीरीज में अपना विकेट भेंट में दे दिया.
धोनी ने ब्रेसनन की गेंद पर स्क्वायर कट पर चौका जमाकर अपना अर्धशतक पूरा किया. उन्होंने 137 गेंद में सात चौके की मदद से यह 50 रन बनाये.
धोनी और कोहली ने धीमे विकेट पर इंग्लिश गेंदबाजी आक्रमण का डटकर सामना किया. दिन का शानदार शाट कोहली ने ब्रेसनन की गेंद पर कवर और एक्सट्रा कवर के क्षेत्ररक्षकों को बांटते हुए सामने से जमाया.
स्वान जब नये स्पैल के लिये आये तो धोनी ने इस ऑफ स्पिनर का स्वागत उनकी गेंद पर लांग आन पर अपनी पारी का पहला छक्का जमाकर किया. इसके बाद इन दोनों बल्लेबाजों ने 93वें ओवर में छह घंटे 15 मिनट क्रीज पर खेलते हुए भारत को 200 रन पूरे कराये.
ब्रेसनन ने चाय के ब्रेक से पहले धोनी को परेशान किया और आउट करने की उनकी दो अपील भी अंपायर राड टर्नर ने खारिज कर दी. इन दो अपील के बीच यह तेज गेंदबाज धोनी का रिटर्न कैच भी नहीं लपक सका, जब यह भारतीय कप्तान 72 रन पर खेल रहा था.
कोहली के 269 रन के स्कोर पर स्वान की गेंद पर पगबाधा आउट होते ही रन गति भी धीमी हो गयी. जडेजा 31 गेंद में दो चौके से 12 रन बनाकर एंडरसन की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हुए.
इसके बाद धोनी 295 रन के स्कोर पर रन आउट होकर पवेलियन लौटे। दो रन बाद ही चावला इंग्लैंड के आफ स्पिनर स्वान की गेंद पर बोल्ड हुए.