परवेज रसूल जब भारतीय टीम में चुने जाने वाले जम्मू कश्मीर के पहले क्रिकेटर बने तो इसके बाद काफी राजनीति हुई लेकिन इस आलराउंडर का मानना है कि केवल क्रिकेटर के तौर पर उनका आकलन किया जाना चाहिए. रसूल को जिम्बाब्वे दौरे के लिये भारतीय टीम में चुना गया था लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला जिसके बाद विवाद पैदा हो गया था.
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पांच मैचों की श्रृंखला के एक भी मैच में रसूल को शामिल नहीं करने के लिये बीसीसीआई की कड़ी आलोचना की थी. लेकिन रसूल पूरी तरह से गैरराजनीतिक बने रहना चाहते हैं और उन्होंने आग्रह किया कि उन्हें केवल केवल खिलाड़ी के तौर पर देखें. उन्होंने कहा, ‘एक क्रिकेटर को हमेशा क्रिकेटर के तौर पर देखा जाना चाहिए. मैंने पूर्व में कैसा प्रदर्शन किया और वर्तमान में मैं कैसा खेल रहा हूं, मेरा लोगों से आग्रह है कि वह मेरा आकलन केवल इसी आधार पर करें.’
रसूल ने हालांकि स्वीकार किया कि राष्ट्रीय टीम में उनके चयन से उनके राज्य में क्रिकेट को लेकर काफी सकारात्मक बदलाव आये हैं. उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर मेरे चयन के बाद राज्य के काफी युवा खिलाड़ी खेल अपना रहे हैं. कई नई लीग भी शुरू कर दी गयी हैं जिनमें जे एंड के कारपोरेट प्रीमियर लीग भी शामिल है. माता पिता अब मेरे पास आकर खेल में अपने बच्चे के भविष्य को लेकर बात करते हैं. यहां तक कि युवाओं ने भी कड़ी मेहनत करनी शुरू कर दी है.’
उन्होंने कहा, ‘जब आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हो तो आपको पता चलता है कि बाहर की परिस्थितियां काफी भिन्न है और यह काफी मायने रखता है. किसी को भी उस स्तर पर काफी कड़ी मेहनत की जरूरत पड़ती है.’ रसूल का मानना है कि वह आफ स्पिनर हैं जो बल्लेबाजी भी कर सकता है. उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी गेंदबाजी पर ध्यान दे रहा हूं. मैं अपने दूसरा पर काम कर रहा हूं. मैं अच्छे बल्लेबाजों का गेंदबाजी करना चाहता हूं ताकि मैं गेंदबाज के रूप में सुधार कर पाउं.’
उन्होंने कहा कि भारतीय ड्रेसिंग रूम का हिस्सा बनने से उनका खेल के प्रति नजरिया पूरी तरह बदल गया. सचिन तेंदुलकर और इंग्लैंड के ग्रीम स्वान को आदर्श मानने वाले रसूल ने कहा, ‘भारतीय टीम के साथ यात्रा करते हुए मैंने काफी कुछ सीखा. मैंने देखा कि बड़े खिलाड़ी कैसा व्यवहार और कड़ी मेहनत करते हैं और इससे मुझे कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा मिली.’
रसूल ने इसके साथ ही कहा कि वह रणजी ट्राफी में जम्मू कश्मीर की तरफ से खेलेंगे. उन्होंने कहा, ‘जम्मू कश्मीर टीम ने मुझे सभी मौके मुहैया कराये. जम्मू कश्मीर की तरफ से खेलते हुए मैं भारतीय टीम में आया. मैं अपने राज्य की टीम से खेलना ही पसंद करूंगा.’ उन्होंने कहा, ‘जम्मू कश्मीर में कुछ प्रतिभाशाली खिलाड़ी है. शुभम खजूरिया भारत अंडर-23 टीम में खेल चुका है. इसके अलावा उमर नजीर है जो बहुत अच्छा खिलाड़ी है.’