दिल्ली की सड़कों की हालत पर चिंता जताते हुए दिल्ली उच्च न्ययालय ने इस साल अक्तूबर में राष्ट्रमंडल खेलों से तीन महीने पहले सुहानी तस्वीर पेश करने पर दिल्ली नगर निगम को आड़े हाथों लिया है.
न्यायमूर्ति कैलाश गंभीर ने कहा, ‘‘इस अदालत की तरफ से अनेक निर्देशों के बावजूद इस अदालत को हलफनामों में जो बताया जा रहा है उसके बजाय तस्वीर अधिक खराब नजर आती है।’’ उन्होंने निगम से तीन सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट मांगी. शहर में शुरूआती बारिश के बाद कई स्थानों पर यातायात जाम की खबरों का जिक्र करते हुए अदालत ने कहा, ‘‘जल भराव के कारण सड़कें बैठ गयी हैं. अधिकतर प्रमुख सड़कों पर लंबे यातायात जाम के कारण शहर को थमते देखा गया है. राष्ट्रमंडल खेल नजदीक हैं और इस स्थिति में ऐसी सड़कों से गुजरना इस शहर के लिए शर्मिंदगी की बात है.’
अदालत ने कहा, ‘‘यह दिखाई देता है कि सड़क निर्माण का काम खराब तरह से किया गया और अधिकतर सड़कों पर एक भी बारिश सहने की क्षमता नहीं है इसलिए बारिश के हर मौसम के बाद सड़कों की हालत बदतर हो जाती है.’ निगम की खिंचाई करते हुए अदालत ने कहा, ‘लोक निर्माण विभाग और एमसीडी नागरिकों की हालत को लेकर पूरी तरह असंवेदनशील हैं.’ सड़कों के मानकों के परीक्षण के संबंध में निगम द्वारा एक हलफनामे में किये गये दावे पर आपत्ति जताते हुए अदालत ने कहा, ‘‘मोटर चालकों के लिए हालत निराशाजनक है और गड्ढेदार सड़कों पर चलने से वाहनों की अवधि भी कम हो रही है.’
अदालत ने एक याचिका पर यह बात कही, जिसमें एमसीडी पर सड़कों की देखभाल में नाकामी का आरोप लगाया गया है.