पूर्व भारतीय कोच ग्रेग चैपल का मानना है कि दुनिया ने जिस महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को देखा है वह उससे अलग हो सकता था, अगर वह उस समय बड़ा होता जब ट्वेंटी20 क्रिकेट का प्रभाव था.
क्रिकेट.कॉम.एयू ने चैपल के हवाले से कहा कि मुझे लगता है कि सबसे बड़ा अंतर यह है कि सचिन जब बड़ा हुआ तो वह अधिकतर टेस्ट क्रिकेट या फिर वनडे क्रिकेट देख रहा था जो काफी तरीके से टेस्ट क्रिकेट के समान है. वर्ष 2005 से 2007 तक भारतीय टीम के कोच रहे ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान चैपल ने कहा कि अगर तेंदुलकर 1980 के मध्य के दशक की जगह भारत में फिलहाल के हालात में बड़ा होता तो उसके नायक अलग होते.
उन्होंने कहा कि उसके हीरो या फिर किशोरावस्था में वह जिनके खिलाफ वह खेल रहा था, उनके हीरो वे खिलाड़ी थे जिन्होंने खुद को प्राथमिक तौर पर टेस्ट किकेटरों के रूप में स्थापित किया था. लेकिन आज एक युवा क्रिकेटर प्रशंसक, विशेषकर अगर वह भारत में है तो वह 20 ओवर का क्रिकेट काफी देखता है.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के नेशनल टेलेंट मैनेजर चैपल ने कहा कि मुझे कोई संदेह नहीं कि सचिन खेल के किसी भी प्रारूप में खुद को ढाल लेता क्योंकि उसमें असाधारण प्रतिभा थी लेकिन मुझे लगता है कि बड़ सवाल यह है कि वह खुद को ढालने के लिए किसके खेल को चुनता.