दक्षिण अफ्रीका के महान तेज गेंदबाज एलेन डोनाल्ड का मानना है कि सचिन तेंदुलकर के संन्यास लेने के बाद क्रिकेट बहुत कुछ खो देगा क्योंकि यह दिग्गज भारतीय बल्लेबाज खेल के लिए ‘माराडोना और पेले को एक साथ रखने’ के बराबर है.
विमल कुमार की किताब ‘सचिन..क्रिकेटर आफ द सेंचुरी’ में दक्षिण अफ्रीका के 46 वर्षीय डोनाल्ड ने लिखा है, ‘सचिन तेंदुलकर का तेज क्रिकेट के मैदान से बाहर भी है. क्रिकेट के लिए वह माराडोना और पेले को एक साथ रखने के समान हैं.’
उन्होंने लिखा, ‘जब वह संन्यास लेगा तो खेल काफी कुछ खो देगा. वह अविश्वनीय रूप से विशेष है.’ डोनाल्ड ने कहा कि जब भी उनसे खेल के महानतम खिलाड़ी के बारे में पूछा गया तो उनके दिमाग में पहला नाम तेंदुलकर का आया.
उन्होंने कहा, ‘जब भी मुझसे पूछा जाता कि कौन महानतम है तो तेंदुलकर का नाम सबसे पहले मेरे जहन में आता.’
इस पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, ‘वर्ष 1985 में मेरे दादा जी ने विजडन क्रिकेटर मैगजीन के जरिये मुझे सचिन से अवगत कराया. जब वह यॉर्कशर काउंटी की ओर से खेलता था तो मैंने उसे पहली बार देखा. वह नंबर एक खिलाड़ी है. मैं यह कहता रहूंगा और मुझे नहीं लगता कि मेरा मन कभी बदलेगा.’
अपनी तूफानी गेंदबाजी के लिए ‘वाइट लाइटनिंग’ के नाम से मशहूर डोनाल्ड ने तेंदुलकर के खिलाफ तैयारी के लिए अंतरराष्ट्रीय गेंदबाजों को सलाह भी दी.
डोनाल्ड ने कहा, ‘आप टेस्ट से दो दिन पहले सचिन का आकलन नहीं कर सकते. हम हमेशा महीनों पहले रणनीति बनाते थे. हमें पता था कि भारतीय टीम उस पर कितना निर्भर है.’
उन्होंने कहा, ‘इतिहास आपको बताएगा कि दायें हाथ के तूफानी गेंदबाज उसके खिलाफ सफल रहे हैं. मैंने भारत के 1996 दौरे से पहले कर्टली एंब्रोस से बात की और उन्होंने मुझसे कहा कि सचिन को कभी पहली 15 गेंद खाली मत छोड़ने दो.’