सचिन तेंदुलकर ने 15 नवंबर 1989 को जब टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था तब इस स्टार बल्लेबाज के 199वें टेस्ट मैच में अपने टेस्ट करियर का आगाज करने वाले मोहम्मद शमी पैदा भी नहीं हुए थे.
तेज गेंदबाज शमी ने बुधवार को कोलकाता में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया. उनका जन्म नौ मार्च 1990 को हुआ और तब तक तेंदुलकर सात टेस्ट मैच खेल चुके थे. यही नहीं शमी के साथ नई गेंद संभालने वाले दूसरे तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार भी तब पैदा नहीं हुए थे जब तेंदुलकर ने पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला था.
भुवनेश्वर का जन्म पांच फरवरी 1990 को हुआ और उस दिन तेंदुलकर न्यूजीलैंड के खिलाफ क्राइस्टचर्च में अपना पांचवां टेस्ट मैच खेल रहे थे. भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले एक अन्य खिलाड़ी रोहित शर्मा भी उस समय दो साल और 199 दिन के थे. वेस्टइंडीज के खिलाफ खेल रही वर्तमान भारतीय टीम के सदस्यों में संभवत: कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ही ऐसे खिलाड़ी होंगे जिन्हें तेंदुलकर के टेस्ट मैचों में पदार्पण के समय इस खेल की कुछ समझ रही होगी. धोनी की उम्र उस समय आठ साल 131 दिन थी.
भारतीय मध्यक्रम के दो युवा बल्लेबाज विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा ने तो तब बमुश्किल चलना ही सीखा होगा. कोहली 15 नवंबर 1989 को एक साल दस दिन और पुजारा एक साल 294 दिन थे. स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (तीन साल 59 दिन) और प्रज्ञान ओझा (तीन साल 71 दिन) तथा सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (तीन साल 345 दिन) भी संभवत: तब तुतलाती भाषा में ही बोलते होंगे. धवन के साथ पारी का आगाज करने वाले मुरली विजय की उम्र उस समय पांच साल 228 दिन थी.
जयदेव उनादकट पहले ऐसे भारतीय क्रिकेटर थे जिन्होंने तेंदुलकर की मौजूदगी में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया जबकि उनका जन्म 15 नवंबर 1989 के बाद हुआ था. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 16 दिसंबर 2010 को अपना पहला मैच खेलने वाले उनादकट का जन्म 18 अक्तूबर 1991 को हुआ था. तेंदुलकर तब तक टेस्ट मैचों में शतक जड़ चुके थे.