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Asian Games: भारतीय महिला हॉकी टीम 20 साल बाद पहुंची फाइनल में

18वें एशियाई खेलों के 11वें दिन बुधवार को भारत ने महिला हॉकी में शानदार सफलता हासिल की. सेमीफाइनल में चीन के खिलाफ गुरजीत के एकमात्र गोल के दम पर भारत ने फाइनल का टिकट कटाया.

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भारत की महिला हॉकी टीम ता जश्न
भारत की महिला हॉकी टीम ता जश्न

गुरजीत कौर ने आखिरी क्वार्टर में 52वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर भारतीय महिला हॉकी टीम को 20 साल बाद एशियाई खेलों के फाइनल में पहुंचा दिया. 18वें एशियाई खेलों के 11वें दिन बुधवार को भारत ने गुरजीत के एकमात्र गोल के दम पर सेमीफाइनल में चीन को 1-0 से हराकर फाइनल का टिकट कटाया. भारतीय महिला हॉकी टीम ने इससे पहले 1998 में बैंकॉक में हुए एशियाई खेलों के फाइनल में जगह बनाई थी.

फाइनल में भारत का सामना शुक्रवार को जापान से होगा. इसी दिन कांस्य पदक के लिए चीन का मुकाबला दक्षिण कोरिया से होगा. गुरजीत के गोल से पहले भारतीय टीम ने गोल करने के कई मौके गंवाए. टीम को कुल सात पेनल्टी कॉर्नर मिले, जिसमें से वो एक को ही गोल में तब्दील कर पाईं. अगर भारतीय महिलाएं मौकों में से आधे को भी भुना लेतीं, तो ज्यादा अंतर से मैच अपने नाम करतीं.

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पूरे मैच में भारतीय टीम ही हावी रही, लेकिन उसकी फिनिशिंग कमजोर होने के कारण कई मौकों पर चीन को हावी होने के अवसर मिले. भारतीय डिफेंस ने हालांकि चीन के हमलों का माकूल जवाब दिया.

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भारतीय महिलाओं ने शुरुआत अच्छी की थी टीम ने पहले क्वार्टर में धैर्य से खेला और सटीक पासिंग के जरिए चीनी खिलाड़ियों को गेंद पर ज्यादा पकड़ नहीं बनाने दी. आठवें मिनट में भारत को लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन दोनों पर गोल नहीं हो सका.

भारतीय महिलाएं लगातार चीन के घेरे में जगह बना रही थी. इसी प्रयास में 13वें मिनट में भारत ने गोल करने का शानदार मौका बनाया, लेकिन फॉरवर्ड लाइन इस प्रयास को गोल में बदलने में नाकाम रही.

दूसरे क्वार्टर आते ही भारतीय कप्तान रानी ने 16वें मिनट में मौका बनाया. इस बार चीन के डिफेंस ने उनके प्रयास को नाकाम कर दिया. दो मिनट बाद चीन को पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसे टीम भुना नहीं पाई.

दूसरे क्वार्टर में चीन की टीम अच्छा खेली और उसने भारत की लंबे पास की नीति का तोड़ निकाल लिया था. लेकिन भारतीय टीम भी चीन को अपने ऊपर हावी नहीं होने दे रही थी. क्वार्टर की समाप्ति के समीप उदिता के पास गोल करने का बेहतरीन मौका था. उदिता को गोल के सामने पास मिला, जिस पर वो अपना नियंत्रण नहीं रख पाईं और मौका खो बैठीं.

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तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में 31वें मिनट में ही भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला रानी यहां भी विफल रहीं. रेफरी को लगा कि गेंद चीन की खिलाड़ी के पैर में लगी और उन्होंने पेनल्टी स्ट्रोक दिया, लेकिन चीन ने रेफरल के जरिए अपने ऊपर आए इस संकट को टाल दिया.

भारत के पास खाता खोलने का एक और मौका 38वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर से आयाय यहां गुरजीत ने शॉट लिया, जो बाहर चला गया. 41वें मिनट में भारतीय महिलाओं को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला और यह भी बेकार चला गया.

इस क्वार्टर में चीन ने तीन अच्छे काउंटर अटैक किए. जिन्हें भारतीय डिफेंस ने नाकाम कर दिया. भारत ने बाकी तीनों क्वार्टर की तरह चौथे क्वार्टर की भी आक्रामक शुरुआत की. रानी ने हाफ लाइन के पास से गेंद अपने कब्जे में ली और डी में प्रवेश किया, लेकिन वह शॉट लेने में गलती कर बैठीं. अगले ही पल मोनिका ने भी इसी तरह की गलती की.

भारत को 51वें मिनट में लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले, जिसमें आखिरी प्रयास में 52वें मिनट में गुरजीत ने गोल कर भारत का खाता खोला और फाइनल में जाने का रास्ता तय किया.

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