लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले सूबेदार विजय कुमार ने दो दिन पहले ही सेना छोड़ने की धमकी दी थी लेकिन बुधवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भारतीय सेना ने जिस तरह से उनका जोरदार स्वागत किया उससे यह निशानेबाज भी गदगद हो गया.
कुमार हवाई अड्डे से खुली जिप्सी में सीधे सेना मुख्यालय चले गये. उन्होंने कहा, ‘यह वास्तव में शानदार स्वागत था. मैं वास्तव में इससे गदगद हो गया. पहली बार मेरा इस तरह से स्वागत किया गया.’
हवाई अड्डे के टर्मिनल तीन का एक हिस्सा तो पूरी तरह से हरे रंग में रंग गया था क्योंकि बड़ी संख्या में जवान इस निशानेबाज का स्वागत करने के लिये आये थे जिन्होंने ओलंपिक में 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में रजत पदक जीता था. इस स्थान पर ड्रम और पारंपरिक नगाड़े ही नहीं बज रहे थे बल्कि विजय को लेकर आ रही लुफ्तहांसा 762 उड़ान जैसे ही हवाई अड्डे पर पहुंची राष्ट्रगान भी बजाया गया.
विजय ने पदक जीतने के तुरंत बाद साफ किया था कि पिछले छह साल में उन्हें केवल एक बार पदोन्नति मिली है जबकि उन्होंने इस बीच राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं. खेल मंत्री अजय माकन ने इस निशानेबाज का मामला रक्षा मंत्री ए के एंटनी के सामने रखा है.
उन्होंने एंटनी को पत्र लिखकर भारत का गौरव बढ़ाने वाले इस खिलाड़ी पर विशेष विचार करने के लिये कहा है. उन्होंने कहा, ‘अब हर तरफ से पेशकश की जा रही है तथा खेल मंत्री ने खुलेआम कहा है कि मुझे साई में आईएएस अधिकारी के स्तर का पद दिया जा सकता है. मैं सेना से भी इसी तरह के पेशकश की उम्मीद कर रहा हूं.’ विजय ने सेना में आने के बाद ही निशानेबाजी को गंभीरता से लिया लेकिन उन्होंने शुरू से लगता था कि वह इसी के लिये पैदा हुए हैं.