क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस ने पाकिस्तानी क्रिकेटरों सलमान बट्ट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर के खिलाफ आरोप तय किये हैं.
पाकिस्तान के दागी क्रिकेटर सलमान बट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर पर आज ब्रिटेन की अभियोजन सेवा ने पिछले साल विश्व क्रिकेट को झकझोर देने वाले स्पाट फिक्सिंग के मामले में गलत काम करने के लिये धन लेने की साजिश रचने के आरोप तय किये.
इन तीनों क्रिकेटरों के खिलाफ ब्रिटेन के क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने समन जारी किये हैं. इसकी पहली सुनवाई 17 मार्च को वेस्टमिनिस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में होगी. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने पिछले साल सितंबर में इन तीनों क्रिकेटरों को निलंबित कर दिया था.
सट्टेबाज मजहर मजीद पर भी इस मामले में आरोप तय किये गये हैं. मजीद ने ही ‘न्यूज आफ द वर्ल्ड’ के स्टिंग आपरेशन में खुलासा किया कि इन तीनों खिलाड़ियों ने पिछले साल अगस्त में पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच लार्डस टेस्ट मैच में जानबूझकर नोबाल करने के लिये पैसे लिये हैं.
लंदन मेट्रोपोलिटन पुलिस ने इन तीनों क्रिकेटरों और मजीद से पूछताछ की थी. मजीद को गिरफ्तार भी किया गया था लेकिन बाद में छोड़ दिया गया. इसी के बाद इनके खिलाफ आरोप तय करने का फैसला किया. इनके अलावा एक अन्य तेज गेंदबाज वहाब रियाज से भी पूछताछ की गयी थी.
सीपीएस स्पेशल क्राइम डिवीजन के प्रमुख साइमन क्लेमेंट्स ने कहा, ‘हमने मोहम्मद आमिर, मोहम्मद आसिफ, सलमान बट और उनके एजेंट मजहर मजीद के खिलाफ गलत काम करने के लिये धन लेने की साजिश रचने और बेईमानी करने के आरोप तय करने का फैसला किया है.’
उन्होंने कहा, ‘इसी अदालत ने तीनों खिलाड़ियों के लिये समन (17 मार्च) जारी किये हैं और उनसे कहा गया है कि वे स्वेच्छा से यहां लौट आएं जिस पर पिछले साल सितंबर में उन्होंने सहमति जतायी थी. यदि वे यहां नहीं आते तब प्रत्यर्पण के लिये कहा जाएगा.’
ये आरोप तब तय किये गये हैं जबकि आईसीसी पंचाट दोहा में अपना फैसला सुनाने वाला है. पंचाट ने पिछले महीने इन खिलाड़ियों से दोहा में 45 घंटे तक पूछताछ की थी.
ब्रिटिश टैबलायड ने आरोप लगाये थे कि चौथे टेस्ट मैच के दौरान पूर्व निर्धारित समय पर नोबाल की थी. इन तीनों पर आरोप है कि उन्होंने इसके लिये डेढ़ लाख पौंड की धनराशि ली थी जबकि मजीद को करार करवाने के लिये 50 हजार पौंड मिले थे.
क्लेमेंट्स ने कहा कि सीपीएस का मानना है कि उसके पास इन खिलाड़ियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं.