भोपाल गैस कांड के आरोपों से घिरी डाओ केमिकल्स को लंदन ओलंपिक के लिए आपूर्ति का एक ठेका देने को लेकर उठे विवाद के बीच इन खेलों की आयोजन समिति ने सफाई दी है डाओ से इस त्रासदी पर पूरा ब्यौरा मांगा गया और कंपनी ने कहा कि भोपाल में उसका कोई संयंत्र नहीं था.
डाओ को लंदन में अगले साल होने जा रहे ओलंपिक के मुख्य स्टेडियम की घेरेबंदी के लिए विशेष कपड़े से बने सजावटी पर्दों की आपूर्ति का बड़ा अनुबंध दिया गया है.
आलोचकों ने इसे भोपाल गैस कांड के ऐसे पीड़ितों का अपमान बताया गया है जो अब तक न्याय के लिए लड़ रहे हैं.
समिति ने कहा, ‘हमने डाओ से 1984 की यूनियन कार्बाईड भोपाल गैस त्रासदी और फिलहाल चल रहे अदालती मामले का इतिहास मांगा और कंपनी से हमें इसका ब्यौरा मिला.’
ब्यौरे से हमने इस बात की पुष्टि की कि डाओ का भोपाल में कोई संयंत्र नहीं था और भोपाल गैस कांड से प्रभावित लोगों के मामलों के निराकरण की जिम्मेदारी भारत की अदालतों पर है.
पर्दे मुहैया कराने के अनुबंध से बहुत पहले डाओ केमिकल अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति का भागीदार है और इसने 1984 में हुए भोपाल गैस कांड के बरसों बाद 2001 में यूनियन कार्बाईड का अधिग्रहण किया और कंपनी का कहना है कि उसे अधिग्रहण से पहले उस कंपनी में हुई गलतियों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.
उल्लेखनीय है कि मानवाधिकारवादी अंतर्राष्ट्रीय संगठन ऐम्नेस्टी इंटरनैशनल ने आज कहा कि डाओ केमिकल कंपनी को 2012 में होने वाले लंदन ओलंपिक के लिए अनुबंधित करना भारत में भोपाल गैस त्रासदी से पीड़ित उन लोगों का अपमान है जो पिछले 27 साल से न्याय मिलने का इंतजार कर रहे हैं.