पिछले वर्ल्ड कप फाइनल के यादगार मैच में स्पेन ने नीदरलैंड्स को हराकर ट्रॉफी जीत ली थी. अब उसी मैच की शनिवार रात को पुनरावृति होने जा रही है. बदले की आग में झुलस रहा नीदरलैंड्स यह मौका चूकने वाला नहीं है. मैच जीतने के लिए वह एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा देगा.
स्पेन की टीम एकसूत्र में बंधी हुई एक निहायत ही पेशेवर टीम है जिसके पास प्रतिबद्धता है और उससे भी बढ़कर वे बहुत चालाकी भरा खेल दिखाते हैं और प्रतिद्वंद्वी को आखिरी समय तक संभलने का मौका नहीं देते. बार्सीलोना के ला मार्सिया के फुटबॉल स्कूल में इसके ज्यादातर खिलाड़ी तैयार हुए हैं और उनमें जबर्दस्त तालमेल और गजब की प्रतिभा है. इसका ही नतीजा है कि इस शानदार टीम ने चार-चार अंतर्राष्ट्रीय ट्रॉफियां जीत लीं.
स्पेन के खिलाड़ी गेंद को लंबे समय तक अपने पास रखने के लिए जाने जाते हैं. यह उनकी खासियत है. उनके सामने कोई भी टीम हो, उसके खिलाड़ी गेंद अपने पास ज्यादा से ज्यादा समय तक रखने की कोशिश करते हैं जिससे प्रतिद्वंद्वी टीम को गोल करने का मौका नहीं मिल पाता है.
जोहानिसबर्ग में खेलने के बाद पहली बार दोनों टीमें आमने-सामने होंगी. यहां तक कि दो जबर्दस्त खिलाड़ी नाइजेल द जोंग और जाबी अलोन्सो चार साल के बाद फिर टकराएंगे. दोनों के बीच क्या हुआ था, यह सब को मालूम है. नाइजेल ने स्पेन के जाबी ओलोन्सो की छाती में बड़ी चालाकी से किक मारा था जिससे वह चारों खाने चित्त हो गया था. नीदरलैंड के खिलाड़ी अपने रफ खेल के लिए मशहूर हैं और पिछले वर्ल्ड कप फाइनल में उन्हें 9 बार पीला कार्ड मिला था. यह एक रिकॉर्ड है.
नीदरलैंड के पास तीन बड़े अनुभवी खिलाड़ी हैं. ये हैं रॉबिन वान पर्सी, आरेन रॉबेन और वेस्ली स्नाइडर. ये किसी भी मैच का रुख बदल सकते हैं. उसकी समस्या है कि उसकी बैक लाइन उतनी अनुभवी नहीं है. लेकिन टीम के कोच ने उसके फॉर्मेशन में बदलाव किया है और कमजोरियों को मजबूती में बदलने की कोशिश की है.
नीदरलैंड्स के खिलाड़ियों की सबसे बड़ी खूबी है कि वह तेजी और ताकत से हमले करते हैं. जा़हिर है कि स्पेन के फॉर्वर्ड के लिए वे परेशानी पैदा कर सकते हैं. नीदरलैंड्स यह मैच जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक देगा क्योंकि इससे ही आगे के मैचों पर असर पड़ेगा.