इस मौके पर सहवाग ने पटौदी साहब के साथ अपनी यादों और मुलाकातों को साझा किया. उन्होंने कहा, ‘मेरा उनसे करीबी रिश्ता है. मैं उनसे पहली बार 2005-06 में मिला था, मैंने उनसे पूछा कि आपने मुझे खेलते हुए देखा है, मैं अपने खेल में कैसे सुधार कर सकता हूं. उन्होंने मुझे सिर्फ एक बात कही, ‘जब आप बल्लेबाजी कर रहे होते हैं, तो आप गेंद से दूर होते हैं. यदि आप पास रहेंगे, तो आप आउट नहीं होंगे.’