रोहित से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मैंने काफी पहले टेस्ट मैचों के बारे में सोचना छोड़ दिया था.’ यह पूछे जाने पर कि ऐसा क्यों था, रोहित ने कहा, ‘पहले मैं टेस्ट मैचों में सफलता के बारे में काफी सोचता था. मैं काफी अधिक सोचता था कि ऐसा क्यों हो रहा है, मैंने यह शॉट क्यों खेला. प्रत्येक टेस्ट पारी के बाद मैं हमारे वीडियो विश्लेषक के पास जाता, उसके साथ बैठकर वीडियो देखता और फिर और अधिक भ्रमित हो जाता. असल में मैं जो कर रहा था वह सही चीज नहीं थी.’