शिखर धवन ने लिखा, 'पिता हमेशा आपके पीछे खड़े रहते हैं और अपने बच्चों और परिवार के लिए बैक बोन होते हैं. मेरे पिता ने भी यही किया और मेरे सभी सपनों को हासिल करने के लिए मेरा साथ दिया. यही मैंने उनसे सीखा और वही अपने बच्चों को सीखा रहा हूं.' धवन ने आगे लिखा, 'हमारे कल्चर में कैसे हांजी बोलना है सबको, कैसे सबको इज्जत देनी है और कैसे खातिरदारी करनी है मेहमानों की, सब मैंने अपने फादर साहब से सीखा है.'