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Arjun Babuta Paris Olympic 2024: हारकर भी अर्जुन बाबुता ने जीत लिया दिल... एक गलत शॉट और चूक गए ओलंपिक मेडल

Arjun Babuta Paris Olympic 2024: स्टार निशानेबाज अर्जुन बाबुता की पेरिस ओलंपिक तक पहुंचने की स्टोरी काफी फिल्मी है. इस स्टोरी से दिग्गज निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के कोच कर्नल जेएस ढिल्लों का काफी अहम नाता है. कह सकते हैं कि ढिल्लों इस स्टोरी के हीरो हैं, जिनके मार्गदर्शन में अर्जुन ने अपने आप को निखारा और देश को मेडल दिलाया.

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भारतीय निशानेबाज अर्जुन बाबुता.
भारतीय निशानेबाज अर्जुन बाबुता.

Arjun Babuta Paris Olympic 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के स्टार निशानेबाज अर्जुन बाबुता देश को दूसरा मेडल दिलाने से चूक गए. शुरुआती 11 शॉट के बाद अर्जुन सिल्वर मेडल जीतने की पोजिशन पर थे, लेकिन उसके बाद उनके कुछ गलत शॉट हुए जिस कारण वो चौथे नंबर पर आकर बाहर हो गए.

इससे पहले रविवार को मनु भाकर ने शूटिंग के महिला 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज दिलाया था. यह भारत का पेरिस ओलंपिक में पहला मेडल रहा. जबकि सोमवार को अर्जुन बाबुता पुरुष 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में मेडल जीतने से चूक गए. मगर उन्होंने अपने प्रदर्शन से फैन्स का दिल जरूर जीत लिया.

सिल्वर की पोजिशन से इस तरह हटे बाबुता
10 मीटर एयर राइफल इवेंट के फाइनल मुकाबले में 8 शूटर्स शामिल रहे थे. चीन के लीहाओ शेंग ने इस इवेंट का गोल्ड जीता. लीहाओ शेंग ने 252.2 अंक स्कोर किया और ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया. स्वीडन के विक्टर लिंडग्रेन ने 251.4 अंकों के साथ सिल्वर, जबकि क्रोएशिया के मैरिसिक मीरान ने 230 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता.

बाबुता एक समय शुरुआती 11 शॉट के बाद सिल्वर मेडल जीतने की पोजिशन पर थे, मगर उन्होंने 13वां (9.9), 15वां (10.2) और 18वां (10.1) शॉट गलत खेला, जिसने बाबुता को मेडल की रेस से बाहर कर दिया. हताश बाबुता आखिरी शॉट भी सही नहीं लगा सके और यह 9.5 का रहा. इस तरह एक समय सिल्वर के दावेदार रहे बाबुता कोई भी मेडल नहीं जीत सके.

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फाइनल में बाबुता का प्रदर्शन

पहली सीरीज: 10.7, 10.2, 10.5, 10.4, 10.6, कुल: 52.4 अंक
दूसरी सीरीज: 10.7, 10.5, 10.4, 10.6, 10.4, कुल: 52.6 अंक
बाकी के शॉ​​​​​​ट: 10.6, 10.8, 9.9, 10.6, 10.2, 10.7, 10.5, 10.1, 10.5, 9.5

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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शूटिंग में दिलचस्पी पर खेल के बारे में कुछ पता नहीं

बता दें कि अर्जुन की स्टोरी काफी फिल्मी है. इस स्टोरी से दिग्गज निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के कोच कर्नल जेएस ढिल्लों का काफी अहम नाता है. कह सकते हैं कि ढिल्लों इस स्टोरी के हीरो हैं, जिनके मार्गदर्शन में अर्जुन ने अपने आप को निखारा और देश को मेडल दिलाया.

दरअसल, मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे अर्जुन बाबुता पंजाब के जलालाबाद क्षेत्र से हैं. भारत-पाकिस्तान सीमा से सटा उनका गांव है. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गृहनगर में पूरी की और बाद में अपने परिवार के साथ चंडीगढ़ चले गए क्योंकि उनके पिता भारतीय रेलवे में काम करते थे. अर्जुन बाबुता ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से बीए ऑनर्स की पढ़ाई की.

अर्जुन बाबूटा को शूटिंग में दिलचस्पी थी, लेकिन और शुरू में उन्हें इस खेल के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. अर्जुन अपने पिता नीरज बाबुता के साथ चंडीगढ़ में भारतीय ओलंपिक निशानेबाज अभिनव बिंद्रा से सलाह लेने के लिए पहुंचे. 2013 में इसी दौरान उनकी मुलाकात बिंद्रा के कोच कर्नल जेएस ढिल्लों से हुई. ढिल्लों ने अर्जुन को राइफल शूटिंग में शामिल होने का सुझाव दिया. कोच ढिल्लों के सुझाव के बाद अर्जुन ने 10 मीटर एयर राइफल श्रेणी के लिए प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया. अर्जुन ने 2013 में चंडीगढ़ स्टेट शूटिंग चैम्पियनशिप में अपना पहला पदक जीता.

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नेशनल कोच दीपाली ने अर्जुन के खेल को निखारा

इसके बाद अर्जुन ने अपने प्रदर्शन में और सुधार किया और जूनियर स्तर पर कई पदक जीते. 2015 में अर्जुन ने राष्ट्रीय शूटिंग टीम में प्रवेश किया और राष्ट्रीय कोच दीपाली देशपांडे के अधीन प्रशिक्षण लिया. शूटिंग में अपना कौशल को निखारने के लिए वह हर रोज 10 घंटे अभ्यास में बिताते थे. 2016 में उन्हें जूनियर नेशनल राइफल शूटिंग टीम के लिए चुना गया और यह अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए यह उनका मंच बन गया.

2016 में चेक रिपब्लिक हुई के शूटिंग स्पर्धा के दौरान वह क्वालिफाइंग गेम में 632.4 अंकों का अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर प्राप्त करने में सफल रहे. इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने नियमित रूप से कई बार वह 620 से अधिक अंक प्राप्त किए. 2018 में उन्हें पीठ दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान रहे. लेकिन उन्होंने घरेलू सर्किट खेलना जारी रखा. खेलो इंडिया टूर्नामेंट में वह कांस्य पदक जीतने में सफल रहे. 2022 में अर्जुन ने वर्ल्ड टूर्नामेंट में लगातार पदक जीतकर मजबूत वापसी की.

अर्जुन बाबूता की उपलब्धियां

- एशियाई चैम्पियनशिप, कोरिया (2023)- 10 मीटर एयर राइफल व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक और देश के लिए ओलंपिक 2024 का कोटा स्थान
- विश्व चैम्पियनशिप, काहिरा (2022)- 10 मीटर एयर राइफल टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक
- आईएसएसएफ विश्व कप, चांगवोन (2022)- व्यक्तिगत और पुरुष टीम स्पर्धाओं में 2 स्वर्ण पदक
- विश्व विश्वविद्यालय खेल, चेंगदू (2021)- 10 मीटर एयर राइफल व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक

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