पेरिस ओलंपिक के फाइनल में पहुंच चुकी रेसलर विनेश फोगाट के अयोग्य घोषित किए जाने पर पूरा देश स्तब्ध है. 100 ग्राम वजन बढ़ने से विनेश फोगाट को डिसक्वालिफाई कर दिया गया है. 50 किलो वर्ग के फाइनल में विनेश का मुकाबला अमेरिकी पहलवान सारा से होना था. विनेश के डिसक्वालिफाई होने पर खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने संसद में बयान दिया और कहा कि जो भी जरूरी कार्रवाई है वो की गई है. इससे पहले राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने विनेश का हौसला बढ़ाया. पीएम ने कहा कि विनेश चैंपियंस में चैंपियन हैं. वहीं विपक्ष ने साजिश की आशंका जताई.
इस सबके बीच अब अंतराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ (UWW) के नियमों में बदलाव की मांग भी उठ रही है. फोगाट के अप्रत्याशित बाहर होने के बाद ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट और छह बार के वर्ल्ड चैंपियन जॉर्डन बरोज (अमेरिकी रेलसर) ने विनेश ने UWW से नियमों में तुरंत बदलाव करने और विनेश को सिल्वर मेडल देने की मांग की है. उन्होंने एक्स पर दो अलग-अलग पोस्ट शेयर करते हुए विनेश का सपोर्ट किया.
जॉर्डन ने एक पोस्ट में लिखा, "विनेश को सिल्वर मेडल दो."
वहीं दूसरे एक्स पोस्ट में अमेरिकी स्टार रेसलर ने लिखा- UWW के लिए नियमों में तत्काल ये बदलाव हों:
1. दूसरे दिन 1 किलो बढ़े वजन तक की छूट मिले.
2. वजन-तौल सुबह 8:30 बजे से बढ़ाकर 10:30 बजे हो.
3. भविष्य के फाइनल में अगर विरोधी फाइनलिस्ट वजन कम करने में चूक जाता है तो उसकी हार घोषित हो.
4.. सेमीफाइनल में जीत के बाद, दोनों फाइनलिस्ट के मेडल सुरक्षित हों, भले ही दूसरे दिन वजन कम करने में चूक जाएं. गोल्ड मेडल केवल उसी पहलवान को मिले जिसने दूसरे दिन भी वजन कम रखा है.
5. विनेश को सिल्वर मेडल दिया जाए.
कौन हैं जॉर्डन बरोज
बता दें कि जॉर्डन अर्नेस्ट बरोज अमेरिकी फ्रीस्टाइल पहलवान हैं, जो वर्तमान में 74 किलोग्राम में प्रतिस्पर्धा करते हैं. फ्रीस्टाइल में बरोज 2012 ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीते थे. इसके अलावा वह छह बार के विश्व चैंपियन (नौ बार के पदक विजेता), तीन बार के पैन अमेरिकन गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट, अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों में कई बार के गोल्ड मेडलिस्ट हैं. वह 11 बार के यूएस ओलंपिक या विश्व टीम के सदस्य हैं. उनके पास अमेरिकी इतिहास में सबसे अधिक ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप का रिकॉर्ड है.
ऐसे हुई वजन कम करने की कोशिश
मंगलवार रात को विनेश का वजह 52 किलो था, उन्होंने साइक्लिंग, स्किपिंग आदि करके उसका वजन कम करने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो सकीं. गगन नारंग, दिनशॉ पारदीवाला, उनके पति, फिजियो, मेडिकल स्टाफ, आईओए अधिकारी, भारत में मौजूद लोग ओजीक्यू (ओलंपिक गोल्ड क्वसेट) ने उनका वजन कम करने के लिए रात भर काम किया. जानकारी के मुताबिक- डॉ पारदीवाला ने यहां तक कहा कि हम उनकी जान को खतरे में नहीं डाल सकते हैं. मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी भी सामने आई है कि उन्होंने हर संभव कोशिश की. विनेश दर्द से कराह रही थी, क्योंकि उसका शरीर टूट रहा था, वह आज सुबह आखिरी कोशिश में सॉना में थी. वह विनेश ओलंपिक विलेज पॉलीक्लिनिक में है. वह 50 किलोग्राम रेसलिंग के फाइनल में पहुंची थी. इवेंट के दूसरे दिन 50 किलोग्राम वर्ग में विनेश का वजन 100 ग्राम ज्यादा पाया गया है.