भारतीय ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानानंद काफी शानदार फॉर्म में हैं. प्रज्ञानानंद ने नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट के अंतिम राउंड में अमेरिकी खिलाड़ी हिकारू नाकामुरा को हराया, जो विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर हैं. प्रज्ञानानंद ने इस जीत के साथ ही टूर्नामेंट में तीसरा स्थान हासिल किया. जबकि दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन ने अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करके खिताब जीता. कार्लसन ने 17.5 अंकों के साथ अपने अभियान का समापन किया.
कार्लसन को लगभग 65000 डॉलर (लगभग 54.28 लाख रुपये) की इनामी राशि मिली. कार्लसन ने प्रत्येक दौर में जीत दर्ज की. इनमें क्लासिकल टाइम कंट्रोल और आर्मगेडन दोनों शामिल हैं. नाकामुरा ने अंतिम दौर में हारने के बावजूद 15.5 अंकों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि तीसरे स्थान पर रहने वाले प्रज्ञानानंद ने 14.5 अंक हासिल किए.
वर्ल्ड रैकिंग में 13वें नंबर पर काबिज प्रज्ञानानंद ने इस टूर्नामेंट में टॉप-3 खिलाड़ियों को हराया. उन्होंने नाकामुरा से पहले कार्लसन और फैबियानो कारूआना को क्लासिकल टाइम कंट्रोल में पराजित किया. अलीरेजा फिरौजा (13.5 अंक) ने चौथा स्थान हासिल किया, उन्होंने चीन के मौजूदा विश्व चैम्पियन डिंग लिरेन को हराया जो छठे और अंतिम स्थान पर रहे. कारूआना ने 10 अंकों के साथ पांचवा स्थान हासिल किया.
महिला वर्ग में वैशाली ने हासिल की चौथी पोजीशन
महिला वर्ग में चीन की वेनजुन जू ने हमवतन टिंगजी लेई को हराकर शीर्ष स्थान हासिल किया. उन्होंने क्लासिकल टाइम कंट्रोल के तहत तीन जीत से कुल 19 अंक हासिल किए. अन्ना मुजीचुक 16 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं. उनके बाद लेई (14.5 अंक), भारत की आर. वैशाली (12.5 अंक) और कोनेरू हम्पी (10 अंक) और पिया क्रैमलिंग (आठ अंक) का नंबर आता है. वैशाली को अंतिम दौर में क्रैमलिंग जबकि हम्पी को मुजीचुक से हार का सामना करना पड़ा.
चेन्नई के रहने वाले प्रज्ञानानंद ने 2018 में प्रतिष्ठित ग्रैंडमास्टर का तमगा हासिल किया था. प्रज्ञानानंद यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के सबसे कम उम्र के और उस समय दुनिया में दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे. भारत के दिग्गज शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आंनद ने इस खिलाड़ी का मार्गदर्शन किया है. प्रज्ञानानंद को क्रिकेट पसंद है और उन्हें जब भी समय मिलता है तो वह मैच खेलने के लिए जाते हैं.