ब्रिटेन दौरे पर रवाना होने से ठीक पहले टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने क्रिकेट में फिटनेस और चयन के लिए यो-यो टेस्ट को काफी जरूरी बताते हुए कहा था कि इस टेस्ट को पास करके टीम इंडिया में जगह बनाई जा सकती है. लेकिन अब ये टेस्ट विवादों में आ गया है.
भारतीय टीम प्रबंधन यो-यो टेस्ट को फिटनेस का मानदंड मानकर चल रहा है, लेकिन अंबति रायडू को इस वजह से टीम से बाहर करने का मसला सीओए प्रमुख विनोद राय के दिमाग में है और वह बीसीसीआई से पूछ सकते हैं कि राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए यह फिटनेस का एकमात्र मानदंड क्यों है.
रायडू ने आईपीएल में 602 रन बनाए, लेकिन यो-यो टेस्ट में नाकाम होने के कारण उन्हें भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया. इसके बाद इस टेस्ट को लेकर बहस छिड़ गई.
सीओए के करीबी बीसीसीआई के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘हां, सीओए हाल की चर्चाओं से वाकिफ है. उन्होंने अभी तक हस्तक्षेप नहीं किया है, क्योंकि यह तकनीकी मसला है लेकिन उनकी योजना क्रिकेट संचालन के प्रमुख सबा करीम से पूरी जानकारी लेने की है.’
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उन्होंने कहा, ‘राय को रायडू और संजू सैमसन के मामले का पता है. इस पर अभी फैसला नहीं किया गया है, लेकिन वह एनसीए ट्रेनरों से इस खास टेस्ट के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए कह सकते हैं.’
बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने भी सीओए को छह पेज का पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने पूछा है कि यो-यो टेस्ट कब और कैसे चयन के लिए एकमात्र फिटनेस मानदंड बन गया.