भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली टेस्ट विजय हासिल करने में 12 साल (1947-1959) लगे थे. इस दौरान भारत ने कंगारुओं के खिलाफ शुरुआती 9 टेस्ट मैचों में से 7 मुकाबले गंवाए थे, लेकिन 10वें टेस्ट में भारत ने जीत का स्वाद चखा. भारतीय टीम को वह ऐतिहासिक जीत ऑफ स्पिनर जसु पटेल के करिश्माई गेंदबाजी की बदौलत मिली थी.
उन दिनों रिची बेनो की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम के हौसले बुलंद थे. 1959 में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए वह टीम भारत दौरे पर थी. इस सीरीज से पहले तक ऑस्ट्रेलिया ने 16 टेस्ट मैचों में से 11 में जीत हासिल की थी, जबकि एक भी टेस्ट नहीं गंवाया था. उधर, भारत अपने पिछले 13 मैचों में से 10 टेस्ट हार चुका था और उसके खाते में एक भी जीत नहीं थी.
उस सीरीज में भी ऑस्ट्रेलिया ने जीत के साथ शुरुआत की थी, जब दिल्ली टेस्ट में कंगारुओं ने भारत को पारी और 127 रनों से हराया. सीरीज का अगला टेस्ट कानपुर (19-24 दिसंबर 1959) में खेला गया. ग्रीन पार्क पर जसु पटेल की ऐसी फिरकी चली कि कंगारू उसमें उलझते चले गए. जसु ने ग्रीन पार्क पर एक-एक कर 9 शिकार किए और अपनी पहली पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम 219 रनों पर सिमट गई.
35.5 ओवर, 16 मेडन, 69 रन, 9 विकेट के साथ जसु का भारत के टेस्ट इतिहास में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी विश्लेषण रहा. उनका यह रिकॉर्ड अगले 40 साल तक कायम रहा. 1999 में दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ सभी 10 विकेट चटकाए थे. पारी में 9 विकेट लेने की बात करें, तो जसु से पहले सुभाष गुप्ते ने 1958 में कानपुर में ही वेस्टइंडीज के खिलाफ 9 विकेट (34.3-11-102-9) निकाले थे, लेकिन उन्होंने जसु से ज्यादा रन खर्च किए.
भारतीय गेंदबाज: टेस्ट की एक पारी में बेस्ट बॉलिंग फिगर
1. अनिल कुंबले : 26.3 ओवर, 9 मेडन, 74 रन, 10 विकेट- 1999 विरुद्ध पाकिस्तान (दिल्ली, 1999)
2. जसु पटेल : 35.5 ओवर, 16 मेडन, 69 रन, 9 विकेट- 1959 विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया (कानपुर, 1959)
3. कपिल देव : 30.3 ओवर, 6 मेडन, 83 रन, 9 विकेट- 1983 विरुद्ध वेस्टइंडीज (अहमदाबाद, 1983)
4. सुभाष गुप्ते : 34.3 ओवर, 11 मेडन, 102 रन, 9 विकेट- 1983 विरुद्ध वेस्टइंडीज (कानपुर, 1958)
ऑफ स्पिनर जसु पटेल ने कानपुर टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में 5 विकेट (55 रन देकर) चटकाए. 225 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम 105 रनों पर सिमट गई. कप्तान जीएस रामचंद के लिए ऑफ स्पिनर जसु पटेल मैच विनर साबित हुए. जसु भारत की ओर से एक टेस्ट में कुल 14 (124 रन देकर) विकेट लेने वाले वह पहले गेंदबाज बने. उनका यह रिकॉर्ड 1988 में जाकर टूटा, जब नरेंद्र हिरवानी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तत्कालीन मद्रास टेस्ट में 136 रन देकर 16 झटके. जसु के इस सनसनीखेज प्रदर्शन से भारत ने कानपुर टेस्ट 119 रनों से जीत लिया, हालांकि बाद में उस टेस्ट सीरीज को ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 से अपने नाम किया.
एक टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज
1. 1988, विरुद्ध वेस्टइंडीज- नरेंद्र हिरवानी: 33.5 ओवर, 6 मेडन, 136 रन, 16 विकेट (चेन्नई)
2. 2001, विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया- हरभजन सिंह: 80.1 ओवर, 26 मेडन, 217 रन, 15 विकेट (चेन्नई)
3. 1959, विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया- जसु पटेल: 61.3 ओवर, 23 मेडन, 124 रन, 14 विकेट (कानपुर)
4. 1999, विरुद्ध पाकिस्तान- अनिल कुंबले: 51.0 ओवर, 13 मेडन, 149 रन, 14 विकेट (दिल्ली)
जसु FACTS
1. कानपुर टेस्ट में उतारे जाने से पहले जसु पटेल ने पिछले तीन साल में एक भी टेस्ट नहीं खेला था. 4 टेस्ट में 10 विकेट ही उनके खाते में थे.
2. जसु पटेल ने एक पारी में 9 विकेट चटकाए, जिनमें से 8 तो बिना किसी फील्डर के- 5 को बोल्ड किया, 2 एलबीडब्ल्यू हुए और एक को खुद ही कैच किया.
3. हालांकि जसु के लिए यह आखिरी सीरीज में साबित हुई. कानपुर टेस्ट के बाद वह दो और टेस्ट खेले. यानी 7 टेस्ट में कुल 29 विकेट उनके नाम रहे.
4. बचपन में पेड़ से गिरने से जसु का हाथ टूट गया था. इस वजह से उनका गेंदबाजी एक्शन कुछ 'अलग' था. 1992 में 68 साल की उम्र में उनका निधन हुआ.