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इन सितारों में टीम इंडिया के लिए खेलने का है दम...

एक समय था जब भारतीय टीम में चयन का रास्ता रणजी क्रिकेट हुआ करता था. लेकिन बदलते दौर और खेल के तरीकों के साथ-साथ चयन का पैमाना भी बदल गया. इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने खिलाड़ियों पर न सिर्फ जमकर धन बरसाया है, बल्कि टीम इंडिया में खेलने का सपना भी साकार किया है.

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इन सितारों ने बिखेरी है क्रिकेट की दुनिया में चमक
इन सितारों ने बिखेरी है क्रिकेट की दुनिया में चमक

एक समय था जब भारतीय टीम में चयन का रास्ता रणजी क्रिकेट हुआ करता था. लेकिन बदलते दौर और खेल के तरीकों के साथ-साथ चयन का पैमाना भी बदल गया. इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने खिलाड़ियों पर न सिर्फ जमकर धन बरसाया है, बल्कि टीम इंडिया में खेलने का सपना भी साकार किया है.

रवींद्र जडेजा, मोहित शर्मा, सौरभ तिवारी, परविंदर अवाना, मनप्रीत सिंह गोनी, स्टुअर्ट बिन्नी, राहुल शर्मा और सुदीप त्यागी कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने आईपीएल के रास्ते टीम इंडिया में जगह बनाई. इस सीजन भी कुछ ऐसे खिलाड़ी नजर आ रहे हैं जो आगे चल कर टीम इंडिया में अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं.

ये हैं वो खिलाड़ी जिन्होंने जगाई है उम्मीद:
 दीपक हुड्डा: आईपीएल जैसे बड़े स्टेज पर इस बल्लेबाज ने बहुत कम उम्र में बड़े-बड़े दिग्गजों का दिल जीता है. राजस्थान रॉयल्स के अब तक के शानदार सफर में इस बल्लेबाज ने बेहद अहम किरदार निभाया है. बड़े स्टेज पर न सिर्फ खिलाड़ी का टैलेंट मायने रखता है बल्कि टेम्परामेंट भी काफी महत्वपूर्ण होता है. जिस निडरता से इस 19 वर्षीय युवा बल्लेबाज ने वर्ल्ड क्लास गेंदबाजों को धोया है इससे इनके टैलेंट के बारे में साफ तौर पर पता चल जाता है. बल्लेबाजी के साथ-साथ ये पार्ट टाइम स्पिन गेंदबाजी भी कराने में सक्षम हैं. बड़ौदा के लिए रणजी खेलने वाले हुड्डा ने घरेलू क्रिकेट में भी खूब जलवा दिखाया है. उन्होंने 8 फर्स्ट क्लास मैचों में 50.63 की शानदार औसत से 557 रन बनाए हैं. आने वाले समय में अगर यही कंसिस्टेंसी जारी रही तो हुड्डा एक दिन टीम इंडिया में जरूर शामिल किए जा सकते हैं.

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 मयंक अग्रवाल: दिल्ली डेयरडेविल्स के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपनी इनिंग्स को बिल्ड करना जानते हैं. मैच में कब आक्रामक होना है, कब विकेट पर टिककर खेलना हैं यह बात मयंक को खूब पता है. आईपीएल 2015 में डेयरडेविल्स को पहली जीत दिलाने वाले मयंक के बारे में युवराज सिंह का भी मानना है कि इस खिलाड़ी में इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने की काबिलियत है. मयंक कर्नाटक के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं. उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 13 मैचों में 31.42 की औसत से 597 रन बनाए हैं.

 संदीप शर्मा: तेज गेंदबाज संदीप शर्मा के पास नई गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने की जबरदस्त कला है. किंग्स इलेवन पंजाब में मिशेल जॉनसन को छोड़कर कोई भी बड़ा नाम गेंदबाजी में नहीं है. लेकिन संदीप ने अपने हुनर से कभी इसकी कमी खलने नहीं दी है. किंग्स इलेवन पंजाब बॉलिंग कोच और टीम इंडिया के पूर्व बॉलिंग कोच जो डावेस भी संदीप की गेंदबाजी से खासे प्रभावित हैं. डावेस ने कहा है कि अभी तो नहीं लेकिन एक दिन संदीप भारत के लिए जरूर खेलेगा. 21 वर्षीय संदीप ने 27 फर्स्ट क्लास मैचों में 111 विकेट झटके हैं.

 सूर्यकुमार यादव: 24 वर्षीय सूर्यकुमार यादव कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए आईपीएल में धूम मचा रहे हैं. पिछले आईपीएल सीजन में यादव को फिनिशर की भूमिका दी गई. लेकिन इस बार उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में और इम्प्रूवमेंट किया है और अब वह टीम के लिए कोई भी रोल निभाने के लिए तैयार हैं. नाइट राइडर्स के मेंटर जैक कैलिस सूर्यकुमार की बल्लेबाजी से बेहद प्रभावित हैं. सूर्यकुमार खास तौर पर T20 क्रिकेट के लिए काफी उपयुक्त खिलाड़ी हैं. सूर्यकुमार के शॉर्ट्स से प्रभावित कैलिस ने तो यह तक कह दिया कि मुझे इस बल्लेबाज से कुछ शॉर्ट्स खेलना सीखना है. सूर्यकुमार ने 35 फर्स्ट क्लास मैचों में 45.03 की शानदार एवरेज के साथ 2342 रन बनाए हैं.

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 मनन वोहरा: किंग्स इलेवन पंजाब के टॉप ऑर्डर बल्लेबाज मनन वोहरा को बेशक इन दिनों ज्यादा मौके नहीं मिल रहे हैं लेकिन वह लंबी रेस के घोड़े हैं. पिछले साल सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाते हुए 21 वर्षीय वोहरा पंजाब के लिए काफी कंसिस्टेंट रहे थे, लेकिन इस साल मुरली विजय के आने से उन्हें टीम में मौके नहीं मिल रहे हैं. लेकिन जिस प्रकार की उनकी तकनीक और टेम्परामेंट है उससे वह आने वाले समय में अपनी दावेदारी जरूर पेश कर सकते हैं. हालांकि घरेलू क्रिकेट में उनके आंकड़े उनकी प्रतिभा के अनुरूप नहीं है. उन्होंने 10 फर्स्ट क्लास मैचों में 28.22 की मामूली औसत से 508 रन बनाए हैं.

प्रतिभा के साथ-साथ क्रिकेट में कंसिस्टेंसी बेहद अहम है. इन सभी खिलाड़ियों में जबरदस्त टैलेंट है लेकिन इन्हें नियमित रूप से घरेलू क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन करना पड़ेगा, तभी इन खिलाड़ियों के लिए टीम इंडिया के द्वार खुलेंगे.

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