scorecardresearch
 

भारत के डॉक्टर ने मुथैया मुरलीधरन को दिया था 'नया जीवन', चकिंग का उतारा था 'कलंक'

क्रिकेट की दुनिया में करीब दो दशक (1992-2011) तक फिरकी के जादू से बल्लेबाजों को छकाने वाले दिग्गज का आज (17 अप्रैल) जन्मदिन है.

Advertisement
X
डॉ मनदीप ढिल्लों के साथ मुरलीधरन
डॉ मनदीप ढिल्लों के साथ मुरलीधरन

  • आज स्पिन के जादूगर मुथैया मुरलीधरन का जन्मदिन
  • इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट का रिकॉर्ड

क्रिकेट की दुनिया में करीब दो दशक (1992-2011) तक फिरकी के जादू से बल्लेबाजों को छकाने वाले दिग्गज का आज (17 अप्रैल) जन्मदिन है. जी हां! बात हो रही है मुथैया मुरलीधरन की. श्रीलंका का यह महान ऑफ स्पिनर शुक्रवार को 48 साल का हो गया. टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट लेने का करिश्मा करने वाले मुरलीधरन के करियर में एक ऐसा वक्त आया, जब लगा कि उनका सफर 80 विकेट से आगे नहीं बढ़ पाएगा.

करियर के शुरुआत में ही अंपायर ने दिया था 'झटका'

दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई अंपयार डेरेल हेयर ने 1995 के मेलबर्न टेस्ट में मुरली पर 'बहुचर्चित' चकिंग का आरोप लगा दिया था. इसके बाद मुरलीधरन की गेंदबाजी के तरीके पर सवालिया निशान लगते रहे. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के साथ उनकी हमेशा नोकझोंक होती रही. मुरलीधरन के मशहूर 'दूसरा' पर भी सवाल खड़ा किया जाता रहा. कहा गया कि आईसीसी ने इसे पूरी तरह परखे बगैर ऐसी गेंदबाजी को इजाजत दे दी.

Advertisement

....ऐसे में फरिश्ता बनकर उतरा चंडीगढ़ का एक डॉक्टर

यह अतिशयोक्ति नहीं कि मुरलीधरन को एक भारतीय डॉक्टर ने नया जीवन प्रदान किया. वह चकिंग के अभिशाप को झेल रहे मुरली के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं माने जा सकते. ये कोई और नहीं ऑर्थोपेडिक सर्जन मनदीप सिंह ढिल्लों हैं. 2010 में गॉल में विदाई टेस्ट के दौरान मुरली ने अपने इस डॉक्टर को विशेष मेहमान के तौर बुलाया था.

चंडीगढ़ स्थित पीजीआई के ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट में प्रोफेसर मनदीप सिंह ढिल्लों 2003 में अपोलो हॉस्पिटल कोलंबो में कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके थे. उन्हीं दिनों मुरली को 'चकर' के कलंक से छुटकारा दिलाने के लिए डॉ. ढिल्लों ने तरीका ढूंढ़ निकाला.

डॉ. ढिल्लों ने मुरली के लिए खास तरकीब खोज निकाली

डॉ. ढिल्लों ने मुरलीधरन को चकिंग से छुटकारा दिलाने के लिए प्लास्टिक का ऐसा स्ट्रैप (पट्टी) तैयार किया, जिसे पहन मुरली संदिग्ध बॉलिंग एक्शन की जांच में सफल रहे. मुरली ने भी करियर के आखिर में माना था कि डॉ. ढिल्लों के मदद से वह गेंदबाजी का कीर्तिमान स्थापित कर पाए.

Advertisement

murali-bowling-002-1_041720081513.jpg

चकर एक अवैध बॉलिंग एक्शन है. जिसमें प्लेयर की एल्बो एक्सटेंशन 15 डिग्री से अधिक हो जाती है. आईसीसी के नियम के मुताबिक एक गेंदबाज अधिकतम 15 डिग्री तक अपना हाथ मोड़ सकता है.

मुरलीधरन एक के बाद एक रिकॉर्ड तोड़ते चले गए

मुरलीधरन दोगुने उत्साह के साथ गेंदबाजी की ऊंचाइयों को छूते चले गए. उन्होंने महज 87 टेस्ट में 500 विकेट के आंकड़े को छू लिया और मई 2004 में कर्टनी वॉल्श के 519 विकेट्स के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया. दिसंबर 2007 में वह महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न के 708 विकेट्स के कीर्तिमान से भी आगे निकल गए. इतना ही नहीं मुरली ने फरवरी 2009 में वनडे इंटरनेशनल में सबसे ज्यादा विकेट लेने के वसीम अकरम (502) के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया.

मुथैया मुरलीधरन ने 22 जुलाई 2010 को टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. भारत के खिलाफ गॉल में सीरीज का पहला टेस्ट ऑफ स्पिनर मुरलीधरन के लिए यादगार रहा. टेस्ट शुरू होने से पहले ही संन्यास की इच्छा जता चुके मुरलीधरन 800 विकेट के जादुई आंकड़े को छूने से केवल 8 विकेट दूर थे.

गॉल में आखिरी टेस्ट... और 800वां विकेट रहा सुर्खियों में

उस टेस्ट मैच के तीसरे दिन तक उन्हें एक ही विकेट मिल पाया था, वह विकेट था सचिन तेंदुलकर का. जिससे उनके विकेटों की संख्या 793 तक ही पहुंच पाई थी. मैच का दूसरा दिन बारिश की वजह से धुल गया था. लेकिन चौथे दिन भारत के 12 विकेट गिरे, जिसमें से 5 विकेट मुरली के खाते में गए.

Advertisement

पांचवें दिन फॉलोऑन पारी खेल रही टीम इंडिया मैच बचाने के लिए जूझ रही थी. वीवीएस लक्ष्मण के रन आउट होने के बाद मुरलीधरन को अपने 800 विकेट पूरे करने के लिए महज एक विकेट की दरकार थी. कई ने तो ऐसा सोच लिया था कि मुरली के विकेटों की संख्या 799 से आगे नहीं बढ़ पाएगी.

आखिरकार प्रज्ञान ओझा उनके 800वें शिकार बने. वह यादगार कैच महेला जयवर्धने ने पकड़ा था. रिचर्ड हैडली की तरह मुरली ने भी अपने टेस्ट करियर की आखिरी गेंद पर विकेट हासिल किया. मेजबानों ने यह टेस्ट 10 विकेट से जीता.

murli-2_041720081703.jpg

सहवाग पर मुरलीधरन का खौफ रहा हावी

अपने जमाने में धमाकेदार बल्लेबाजी से पहचाने जाने वाले वीरेंद्र सहवाग स्वीकार कर चुके हैं कि अपने 14 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान उन्हें सबसे ज्यादा डर मुथैया मुरलीधरन से लगा. सहवाग ने मुरलीधरन के गेंदबाजी एक्शन और लेंथ के कारण उन्हें खतरनाक बताया था.

मुंबई में रिकॉर्ड तीसरे तिहरे शतक से रोका था...

2009 के मुंबई टेस्ट में मुरलीधरन ने ही सहवाग को रिकॉर्ड तीसरा तिहरा शतक जड़ने से रोका था. सहवाग 293 रनों पर पहुंच गए थे... लेकिन वह महज 7 रनों से वर्ल्ड रिकॉर्ड से चूक गए. मुरली ने उन्हें अपनी ही गेंद पर लपक लिया था. सहवाग के हाथ से मौका जाता रहा. आज तक किसी बल्लेबाज ने टेस्ट क्रिकेट में तीन तिहरे शतक नहीं लगाए हैं. सर डॉन ब्रैडमैन, ब्रायन लारा, क्रिस गेल और सहवाग के नाम 2-2 तिहरे शतक हैं.

Advertisement

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 1347 विकेट... अद्भुत रिकॉर्ड

मुथैया मुरलीधरन ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में कुल 1347 विकेट लेने का कारनामा किया है. मुरलीधरन ने 133 टेस्ट मैच खेले और रिकॉर्ड 800 विकेट चटकाए. शेन वॉर्न उनके पीछे हैं, जिनके नाम 708 विकेट दर्ज हैं. मुरली ने 350 वनडे इंटरनेशनल में रिकॉर्ड 534 विकेट निकाले. वसीम अकरम 502 विकेट लेकर दूसरे स्थान पर हैं.

...पारी के सभी 10 विकेट लेने से रह गए थे एक विकेट दूर

टेस्ट क्रिकेट में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन एक पारी में 51/9 रहा है. उन्होंने जनवरी 2002 को जिम्बाब्वे के खिलाफ यह प्रदर्शन किया था. इस मैच में वह महज एक विकेट से एक टेस्ट पारी में 10 विकेट लेने से चूक गए, नहीं तो वो इंग्लैंड के जिम लेकर और भारत अनिल कुंबले के बाद एक पारी में 10 विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज होते.

Advertisement
Advertisement