टी20 वर्ल्ड कप में भारत और जिम्बाब्वे के बीच रविवार (6 नवंबर) को मुकाबला खेला जाना है. भारतीय टीम का लक्ष्य इस मैच को जीतकर सेमीफाइनल में पहुंचने का होगा. वैसे जिम्बाब्वे को 'मेन इन ब्लू' कतई हल्के में नहीं लेना चाहेगी क्योंकि यह टीम उलटफेर करने में माहिर है. कई मौकों पर जिम्बाब्वे टीम इस बात को साबित भी कर चुकी है. मौजूदा टी20 वर्ल्ड कप में भी जिम्बाब्वे ने पाकिस्तान को हराकर सबको चौंका दिया था.
टी20 में दो बार भारत को हरा चुका है जिम्बाब्वे
इतिहास पलटकर देखें तो जिम्बाब्वे की टीम भारत को भी कुछ मौकों पर परास्त कर चुकी है. टी20 इंटरनेशनल में जिम्बाब्वे दो बार भारत को परास्त कर चुका है. साल 2015 के दौरे पर अंजिक्य रहाणे की कप्तानी वाली भारतीय टीम को टी20 सीरीज के दूसरे मुकाबले में जिम्बाब्वे टीम के खिलाफ हार का सामना पड़ा था.
फिर साल 2016 में एमएस धोनी की कप्तानी में भी भारत को टी20 सीरीज के पहले मैच में 2 रनों से हार झेलनी पड़ी थी. ओवरऑल जिम्बाब्वे और भारत के बीच सात टी20 मुकाबले खेले गए हैं, जिसमें भारत ने पांच और जिम्बाब्वे ने दो में जीत हासिल की. यानी कि भारत को जिम्बाब्वे कड़ी टक्कर देती आई है.
23 साल पहले की हार भी नहीं भूले हैं फैन्स!
23 साल पहले साल 1999 के वनडे वर्ल्ड कप में भी जिम्बाब्वे ने भारत को तीन रन से पराजित किया था. लीसेस्टर में आयोजित उस मैच में भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी थी. लेकिन जिम्बाब्वे ने फ्लावर बंधुओं की शानदारी पारियों के दम पर 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 252 रन का स्कोर खड़ा कर दिया. एंडी फ्लावर ने 68 और ग्रांट फ्लावर ने 45 रनों की पारी खेली. भारत की ओर से अनिल कुंबले, वेंकटेश प्रसाद और जवागल श्रीनाथ को दो विकेट मिला था.
जवाब में भारतीय टीम 249 रनों पर ही ढेर हो गई. सदगोपन रमेश ने 55 और अजय जडेजा ने 43 रनों का योगदान दिया था. वैसे मैच में भारत एक समय जीत के लिए आखिरी दो ओवर में 9 रन की दरकार थी और उसके 3 विकेट शेष थे. लेकिन हेनरी ओलोंगा ने एक ही ओवर में भारत का काम तमाम कर दिया. ओलोंगा ने अपने ओवर की दूसरी बॉल पर रॉबिन सिंह (35 रन) को कैच आउट करा दिया. फिर आखिरी दो बॉल पर जवागल श्रीनाथ और वेंकटेश प्रसाद को पवेलियन भेज जिम्बाब्वे की जीत सुनिश्चित कर दी.