scorecardresearch
 

T20 World Cup: इस भारतीय दिग्गज ने बदली जिम्बाब्वे की किस्मत, अपनी कोचिंग में टीम इंडिया को भी बना चुके चैम्पियन

टी20 वर्ल्ड कप में जिम्बाब्वे ने पाकिस्तान को हराकर क्रिकेट जगत में सनसनी मचा दी है. जिम्बाब्वे के इस टर्न अराउंड के पीछे एक भारतीय शख्स का हाथ है. वह शख्स कोई और नहीं बल्कि भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर लालचंद राजपूत हैं जिन्होंने चार सालों में ही जिम्बाब्वे टीम की किस्मत पलट कर रख दी है.

Advertisement
X
लालचंद राजपूत
लालचंद राजपूत

टी20 वर्ल्ड कप में जिम्बाब्वे की टीम ने पाकिस्तान को हराकर क्रिकेट जगत में खलबली मचा दी है. जिम्बाब्वे के इस टर्न अराउंड के पीछे एक भारतीय शख्स का हाथ है. वह शख्स कोई और नहीं भारत के पूर्व क्रिकेटर लालचंद राजपूत हैं जिन्होंने चार सालों में ही जिम्बाब्वे क्रिकेट की कायपलट दी है. पूर्व सलामी बल्लेबाज लालचंद राजपूत को जुलाई 2018 में जिम्बाब्वे का हेड कोच नियुक्त किया गया था और वह जून 2022 तक इस पद पर रहे. फिलहाल राजपूत जिम्बाब्वे टीम के टेक्निकल डायरेक्टर हैं.

लालचंद राजपूत ने सुनाया पुराना किस्सा

हालांकि लालचंद राजपूत वह सही तारीख भूल गए जिस दिन वह जिम्बाब्वे की टीम के हेड कोच बने थे. राजपूत ने पीटीआई से कहा, 'मैच से एक दिन पहले मुझे जिम्बाब्वे क्रिकेट ने सूचित किया कि क्रेग इर्विन, सीन विलियम्स, सिकंदर रजा और ब्रेंडन टेलर बोर्ड के साथ चल रहे वेतन विवाद के कारण बाहर हो गए हैं. जिम्बाब्वे क्रिकेट के प्रबंध निदेशक गिवमोर मकोनी ने मुझसे कहा कि हम पाकिस्तान से सीरीज रद्द नहीं कर सकते. हमें अनुभवहीन टीम मिली और पहले मैच में हम 100 और फिर तीसरे मैच में 50 रन के आसपास (67 रन) ऑल आउट हो गए.'

क्लिक करें- जिम्बाब्वे से हार पर अमित मिश्रा ने लिए मजे, तो पाकिस्तानी फैन्स को लगी मिर्ची, इस तरह भड़के

इस पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने कहा, 'ऐसा होने के बाद मुझे पता था कि मुझे चीजों को बदलने के लिए रुकना होगा. हम 2019 एकदिवसीय विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहे और फिर निलंबित हो गए. वह सबसे खराब दौर था इसलिए मुझे केवल चार वर्षों में इस परिवर्तन पर गर्व है. मेरा सपना उन्हें ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करते देखना था. यह सोने पर सुहागा है और मुझे अपने लड़कों पर गर्व है.'

Advertisement

लालचंद की कोचिंग में भारत ने जीता था वर्ल्ड कप

भारत ने जब 2007 में पहले टी20 विश्व कप का खिताब जीता था था तो उसके कोच भी राजपूत ही थे. राजपूत क्वालीफायर तक टीम के साथ थे लेकिन वह दिवाली के समय अपने परिवार के साथ रहना चाहते थे और इसलिए वापस लौट गए. नील जॉनसन, फ्लावर बंधु एंडी और ग्रांट, मरे गुडविन, पॉल स्ट्रैंग, और हीथ स्ट्रीक जैसे खिलाड़ियों के जाने के बाद जिम्बाब्वे क्रिकेट गर्त में पहुंच गई थी.

इसे प्रशासनिक कमजोरी कहें या खिलाड़ियों की गुणवत्ता में गिरावट या कम वेतन को दोष दें, जिम्बाब्वे का क्रिकेट बदतर होता गया. जिम्बाब्वे सरकार ने इसके बाद क्रिकेट बोर्ड को निलंबित कर दिया. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने जिम्बाब्वे को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से छह महीने के लिए निलंबित कर दिया था. अब प्रशासनिक मोर्चे पर स्थिति में सुधार हुआ है और खिलाड़ियों एवं कोच को फीस का भुगतान आईसीसी ने किया.

क्लिक करें- सिडनी के 'रियल किंग' हैं विराट कोहली, टी20 में हैरतअंगेज एवरेज के साथ टॉप पर

सिकंदर रजा की जमकर की तारीफ

राजपूत ने सिकंदर रजा की तारीफ करते हुए कहा, 'सिकंदर एक भावुक लड़का है. वह देर से 36 साल की उम्र में निखर रहा है. मुझे याद है कि कुछ साल पहले जब मैंने पद संभाला था तो उससे पूछा था कि तूने कितने मैच जिम्बाब्वे को जिताए हैं. उसने लंबे समय से शतक नहीं बनाया था. वह 40 के आसपास रन बना रहा था जिससे कि टीम में उसकी जगह सुरक्षित रही.'

Advertisement

अफगानिस्तान के भी कोच रह चुके हैं लालचंद

राजपूत की असल में जिम्बाब्वे से जुड़ने की कोई योजना नहीं थी क्योंकि वह ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान टीम को कोचिंग देकर खुश थे. लेकिन चीजें तब बदल गईं जब अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) के अधिकारी चाहते थे कि वह जूनियर विश्व कप की अंडर-19 राष्ट्रीय टीम तैयार करने के लिए काबुल आएं.'

उन्होंने कहा, 'मैंने उनसे विशेष रूप से कहा था कि मैं काबुल कभी नहीं जाऊंगा. इसलिए जैसे ही उन्होंने जोर दिया तो मैंने इस्तीफा दे दिया. इसे मीडिया ने कवर किया और फिर एक हफ्ते के भीतर मकोनी ने मुझे फोन किया और मुझे मुख्य कोच की नौकरी की पेशकश की.'

स्टार बल्लेबाज सिकंदर रजा ने इस साल पांच एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय शतक बनाए हैं जबकि मौजूदा सत्र से पहले 50 ओवर के प्रारूप में उनका एकमात्र शतक 2015 में बना था. बुधवार को पाकिस्तान के खिलाफ रजा ने अपनी ऑफ स्पिन से तीन विकेट चटकाए जिसके चलते मैच का रुख पूरी तरह पलट गया था.


 

Advertisement
Advertisement